आम, जामुन, लीची जैसे फसलों में फल के जगह सिर्फ दिख रहे सूखे डंठल
बिहारशरीफ। अप्रैल की शुरुआत में हीं मौसम के तल्ख तेवर का शिकार आम जन के साथ-साथ पेड़-पौधे और फसलें हो रही है। पछुआ हवा के थपेड़े और तेज लू के कारण जहां फसलें बेसमय सूख रही है वहीं फलदार वृक्षों में फल तेजी से गिर रहे हैं। स्थिति यही रही तो इस साल जिले में आम-जामुन, लीची, संतरा जैसे फल नहीं के बराबर दिखेंगे।
इस बार अप्रैल माह में हीं मौसम का मिजाज कुछ ज्यादा तल्ख है। स्थिति यह है कि दिन का तापमान 40 डिग्री और कभी-कभी उससे भी उपर पहुंच जा रहा है। ऐसे में फसलों को व्यापक नुकसान हो रहा है। तेज पछुआ हवा और भीषण गर्मी के कारण जहां गेहूं की फसल समय से पहले सूख गयी। इससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दाने छोटे रह गये है। तेज गर्मी के कारण प्याज और गरमा सब्जी की फसल के उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
जिले में गर्मी और धूप का असर यह है कि पेड़-पौधे में लगे फल तेजी से गिर रहा है। जिले में आम की अच्छी पैदावार होती है। कई इलाके में हाल के वर्षों में आम की खेती बढ़ी है। वहीं जामुन और अब कमोबेश संतरा और नींबू की खेती भी शुरू हुई है। या फिर कुछ लोग अपने बाग और घरों में लीची, आम, संतरा, मौसम्मी के साथ-साथ सेब की खेती भी शुरू की है। इस बार आम की फसल में मंजर जरूर कम थे लेकिन टिकोले लगने शुरू हुए थे। जामुन में भी मंजर के बाद फूल खिले थे और फलियां लगने लगी थी। संतरा, नींबू में भी दाने मसूर के बराबर हुए थे। वहीं गर्म मौसम में उत्पादन होने वाला सेब के पेड़ में फूल खूब लगे थे।
लेकिन तीखी धूप और गर्मी के कारण इन फसलों की फलियां गिरने लगी। आम के टिकोले 90 फीसदी तक गिर गये वहीं जामुन के पेड़ों में तो अब सिर्फ डंठल हीं बच गया है। संतरा और नींबू के भी 80 फीसदी दाने गिर चुके है। गर्म मौसम में फल देने वाले डिजर्ट, हरमन आदि नस्ल के सेब के पेड़ में फूल के बाद फलियां लगना शुरू हुआ था, लेकिन गर्मी के कारण पूरी तरह गिर गया है। स्थिति यह है कि अब जिले के फल के शौकीन लोगों को इस बार निराशा हाथ लगेगी। आम, लीची सहित अन्य फलों का उत्पादन नहीं कर पायेंगे। बागान सूना होने लगा है, जिससे उत्पादक बुरी तरह परेशान है।