Post Views: 1,048 श्रीश्री रविशंकर हर व्यक्ति जन्मसे अनूठा है, सभीमें कुछ विशेष ऐसा है जो हमें औरोंसे अलग करता है। यही विशेषताएं तय करती हैं कि हम कौन है और किस परिस्थितिमें किस तरह व्यवहार करेंगे। ज्यादातर समय हम अपनी उन विशेषताओंके प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, जो हमें नुकसान पहुंचाती हैं और […]
Post Views: 952 ओशो तुम दुख पैदा करते हो। ऐसा नहीं कि तुम जान बूझकर करते हो, परन्तु तुम ही दुख हो, तुम जो भी करो सब ओर दुखके बीज बोते हो। तुम्हारी अकांक्षा व्यर्थ है, तुम्हारा होना महत्वपूर्ण है। तुम सोचते हो कि दूसरोंकी सहायता कर रहे हो, परन्तु तुम बाधा ही डालते हो। […]
Post Views: 543 आर.डी. सत्येन्द्र कुमार यदि अन्तरराष्टï्रीय श्रम संघटनकी मानें तो महामारीके चलते विश्व श्रम बाजारकी हालत काफी खस्ता हुई है। इस स्थितिमें तत्काल शीघ्र सुधारके भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। यह सच है कि श्रम बाजारकी इस दुर्गतिके लिए केवल कोरोनाजनित महामारी ही जिम्मेदारी नहीं है। उसके लिए अन्य कई कारण […]