Post Views: 494 प्रचीन समयसे भारत देशकी भूमिका अधिकांश हिस्सा उन्नत एवं उपजाऊ था। बावजूद इसके जब किसानों द्वारा अधिक फसल उत्पादनके लिए रासायनिक उर्वरकोंका अधिकाधिक प्रयोग किया जाने लगा तो फसल उत्पादन तो बढ़ गया, किन्तु मृदा अनुपाजाऊ होकर बंजर भूमिमें बदलने लगी है। अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजनाके तहत नियत स्थानपर ५० वर्षोंकी […]
Post Views: 982 वायु प्रदूषणसे देशमें जन-धनकी हो रही भारी क्षतिका अनुमान केन्द्र सरकारकी संस्था भारतीय चिकित्सा अनुसन्धान परिषद (आईसीएमआर) की ताजा रिपोर्टसे लगाया जा सकता है, जो अत्यन्त ही भयावह और गम्भीर रूपसे चिन्ताजनक है। लीसेट प्लेनेटरी हेल्थमें प्रकाशित रिपोर्टमें कहा गया है कि वर्ष २०१९ में वायु प्रदूषणके चलते १६ लाख ७० हजार […]
Post Views: 927 जलवायु परिवर्तनसे उत्पन्न होनेवाली आपदाएं कितनी भयावह और मानव जीवनके लिए पीड़ादायी हैं इसका सहज अनुमान इण्टरनेशनल फेडरेशन आफ रेडक्रास सोसायटी (आईएफआरसी) की ताजा रिपोर्टसे लगाया जा सकता है। इन आपदाओंका सर्वाधिक दुष्प्रभाव महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गोंपर पड़ता है, जिन्हें लम्बे समयतक सहयोग और समर्थनकी आवश्यकता पड़ती है लेकिन दुर्भाग्य यह है […]