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यूपी: महराजगंज में निर्दलीय व मुस्लिम सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बनेंगे किंगमेकर


  • यूपी में जिला पंचायत चुनाव का नतीजा घोषित हो चुका है. पंचायत चुनाव में सबसे अधिक झटका सत्ताधारी दल बीजेपी को लगा है. महराजगंज जिले की सभी 47 सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन इसमें से केवल सात उम्मीदवार ही जीत सके. पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया, उसके आठ प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते हैं. लेकिन दोनों दल के जीत हासिल करने वाले प्रत्याशी दहाई के अंक के नीचे ही सिमट कर रह गए हैं.

निर्दलीय व मुस्लिम सदस्य बनेंगे किंगमेकर?
सबसे अधिक 26 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते हैं. इसके अलावा कुल दस की संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते हैं. ऐसे में इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि इस चुनाव में निर्दलीय व मुस्लिम सदस्य किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं.

हालांकि, सात सीट पर ही चुनाव जीतने के बाद बीजेपी में निराशा जरूर है, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी के मन में जीत को लेकर कोई संदेह नहीं है. महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी का कहना है कि पार्टी समर्थित उम्मीदवार भले ही कम संख्या में जीत दर्ज किए हैं, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव कोई बीजेपी का सिपाही ही जीतेगा, क्योंकि पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर कई बीजेपी कार्यकर्ता व समान विचारधारा वाले लोग निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में उनको अपने पक्ष में मनाया जाएगा.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा
आपको बता दें कि जिला गठन के बाद से ही महराजगंज में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा रहा है. गोरखपुर जनपद से अलग होकर महराजगंज जिला 2 अक्टूबर 1989 को अस्तित्व में आया. 1995 में पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ. सबसे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के रुप में सांसद पंकज चौधरी के बड़े भाई प्रदीप चौधरी चुनाव में उतरे और उन्हें जीत मिली.

अध्यक्ष पद का चुनाव इस बार होगा दिलचस्प
इस बार महराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव इस बार खासा दिलचस्प होता दिख रहा है. जिला पंचायत के गठन के बाद से ही चौधरी परिवार की कुर्सी बना यह पद किसके पास जाता है देखना रोचक होगा. क्योंकि बीजेपी की हिदायत के चलते जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनारक्षित होने के बाद भी सांसद पंकज चौधरी अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनाव मैदान में नहीं उतारा. अब पार्टी समर्थित 47 में से 40 उम्मीदवार चुनाव हार चुके हैं.