Post Views: 375 डा. सुशील कुमार सिंह यो पृथ्वी सम्मेलन १९९२ में जंगलमें फैलनेवाली आगसे उत्पन्न होनेवाली विभिन्न समस्याओंपर दशकों पहले चर्चा हो चुकी है जिसमें यह स्पष्टï है कि भूमिके अनियंत्रित ह्रास और भूमिका दूसरे कामोंमें बढ़ता उपयोग, मनुष्यकी बढ़ती जरूरतें, कृषि विस्तार समेत पर्यावरणको नुकसान पहुंचानेवाली तमाम प्रबंधकीय तकनीक वनोंके लिए खतरा पैदा […]
Post Views: 499 आर.के. सिन्हा कोरोनाकी काट वैक्सीनको लेकर अब भी देशमें बहुतसे खास और आम लोगोंमें डरका भाव दिखता है। वह इसे लगवानेसे बच रहे हैं। आप यह भी कह सकते हैं कि उनकी वैक्सीन लगवानेमें कोई दिलचस्पी ही नहीं है। इस तरह तो देशमें कोरोनाको मात देना कठिन होगा। उल्लेखनीय है कि कोरोनाकी […]
Post Views: 734 भारत और चीनके बीच लम्बे समयसे चली आ रही तनातनीपर विराम लगनेका कोई आसार नहीं दिख रहा है। चीन अपनी कुटिल चालोंसे बाज नहीं आ रहा है और लगातार भारतको घेरने और दबाव बनानेके प्रयासमें जुटा हुआ है। पूर्वी लद्दाखमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकोंकी वापसीके बावजूद चीनका भारतीय क्षेत्रके पास […]