Post Views: 705 प्रणय कुमार परिवर्तन प्रकृतिका शाश्वत नियम है। युगीन आवश्यकता एवं वर्तमान परिस्थिति-परिवेशके अनुकूल परिवर्तन सतत चलते रहना चाहिए। इसीमें अखिल मानवता और जगतीका कल्याण निहित है। परिवर्तनकी यह प्रक्रिया चारों दिशाओं और सभी पंथों-मजहबोंमें देखनेको मिलती रही है। इस्लाममें यह प्रक्रिया धीमी अवश्य है, परन्तु सतहके नीचे वहां भी परिवर्तनकी तीव्र कामना […]
Post Views: 664 संजय राय अफगानिस्तान इन दिनों वैश्विक राजनय और कूटनीतिकी धुरी बना हुआ है। दो दशक बाद अमेरिकाकी सेना अफगानिस्तानसे वापस लौट रही है। अमेरिकी सैनिकोंकी वापसीके साथ ही तालिबान एक बार फिर अपनी पुरानी भूमिकामें आ गया है। तालिबान काबुलकी सत्तापर लोकतांत्रिक तरीकेसे बैठी अशरफ गनीके नेतृत्ववाली सरकारको हटाकर पूरे देशका शासन […]
Post Views: 1,273 डा. गौरीशंकर राजहंस हालमें यह सोचा जा रहा था कि भारतमें कोरोनाका संक्रमण काबूमें आ गया है। पूरे संसारमें प्रधान मंत्री मोदीकी जमकर तारीफ हो रही थी उन्होनें अपने देशके लोगोंको कोरोनाका टीका लगवानेके साथ अनेक जरूरतमंद देशोंको कोरोनाको समाप्त करनेके लिए जी खोलकर वैक्सीन भिजवाया। भारतका वैक्सीन अन्य देशोंके वैक्सीनसे कहीं […]