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आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला को झटका, मिली 4 साल की सजा


नई दिल्ली, । आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दोषी ठहराए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट से बृहस्पतिवार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाने के साथ ही ओम प्रकाश चौटाला की सिरसा और पंचकूला समेत 4 संपत्ति सीज़ करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला को पांच लाख रुपये केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को देने का आदेश दिया है। पिछले दिनों ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कोर्ट ने दोदोषी ठहराया था।

इससे पहले बृहस्पतिवार को सजा पर बहस के दौरान बचाव व अभियोजन पक्ष ने अपनी अपनी दलीलें पेश की थीं। बचाव पक्ष ने कहा था कि ओमप्रकाश चौटाला 90 फीसद तक विकलांग हैं। वह अपने कपड़े भी खुद नहीं पहन पाते हैं। ऐसे में उन्हे जेल में रखना ठीक नहीं है।

वहीं अभियोजन पक्ष ने कहा था कि उम्र सजा तय करने का आधार नहीं है। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से कानून के आधार पर सजा तय करने की अपील की थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को अंतिम जिरह के लिए शुक्रवार दोपहर दो बजे का वक्त तय किया था। कोर्ट ने शुक्रवार को जिरह के बाद ओम प्रकाश चौटाला को 4 साल कैद की सजा सुनाई है।

एमपी-एमएलए की विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश विकास ढल आज दस बजे सजा पर दोनों पक्षों की अंतिम दलील सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाएंगे। अदालत ने 21 मई को 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति से जुड़े मामले में चौटाला को दोषी करार दिया था। बृहस्पतिवार के दिन सजा पर बहस के दौरान चौटाला के वकील ने कोर्ट को बताया कि चौटाला 1993-2006 के दौरान आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के दोषी ठहराए गए हैं।

यह व़क्त 20 साल से भी ज्यादा का है उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग किया। जेल में रहने के दौरान भी उनका व्यवहार अच्छा रहा। चौटाला ने जेल में ही 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की। चौटाला को सिर्फ आय का स्त्रोत न बता पाने के लिए दोषी पाया गया है। ऐसे में यह सब बातें ध्यान में रखकर उन्हे सजा में रियायत दी जानी चाहिए।

जन नेता है चौटाला, रियायत से जनता को जाएगा गलत संदेश: सीबीआइ

अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश अधिवक्ता अजय गुप्ता ने चौटाला की तरफ से पेश दलीलों का विरोध किया। उन्होने कहा कि स्वास्थ का हवाला देकर सजा कम करने की मांग नहीं कर सकते, देश से भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कानून के मुताबिक सजा होनी चाहिए। चौटाला एक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। ऐसे में इस मामले में कम से कम सजा से आम लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा। चौटाला के परिवार के सभी सदस्य सक्षम हैं ऐसे में उन पर कोई भी आश्रित नहीं है।