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इंडोनेशिया में आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढकर 138 हुई


पूर्वी इंडोनेशिया के नुसा तेंगारा प्रांत में उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान सेरोजा से आई बाढ़ भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 138 तक पहुंच गई है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने इसकी जानकारी दी है. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी के प्रमुख डोनी मोनाडरे ने कहा है कि पूवी फ्लोर्स, एलोर, लेंबाटा, कुपांग, मलाका, साबू रायजुआ से क्रमश: 67, 25, 32, 5, 4, 2 मौतें दर्ज हुई हैं, जबकि इंडे, कुपांग सिटी नगाडा से एक-एक मौतें दर्ज हुई हैं. मोनाडरे आगे कहते हैं, ‘लेंबाटा एलोर में निकासी की प्रक्रिया सबसे कठिन है. पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़ों को हटाने के लिए हमें उत्खनक ट्रकों की मदद लेनी पड़ रही है.’

मौसम, जलवायु विज्ञान भूभौतिकी एजेंसी ने आगे कहा कि 5 अप्रैल को साबू सागर दक्षिण के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में भयावह उष्णकटिबंधीय तूफान सेरोजा के आने के बाद तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई समंदर में लहरें 6 मीटर की ऊंचाई तक उठीं. हालांकि इसके बाद भले ही सेरोजा इंडोनेशियाई क्षेत्र से दूर चला गया, लेकिन देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कई प्रांतों में अगले कुछ दिनों तक इसका प्रभाव देखा जाएगा.

मौसम भू-भौतिकी विज्ञान एजेंसी की चीफ द्विकोरिता कर्णावती ने कहा, ‘बाली, पश्चिमी नुसा तेंगारा, पूर्वी जावा, योग्यकार्ता मध्यम जावा के निवासियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी.’ सेरोजा साल 2008 से इंडोनेशिया पर कहर बरसाने वाला 10वां उष्णकटिबंधीय तूफान है, हालांकि इसका प्रभाव सबसे अधिक देखा गया क्योंकि इसमें भूस्खलन की भी समस्या का सामना करना पड़ा.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार लगातार बारिश से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. बाढ़ का पानी बांधों के ऊपर से बह रहा है जिससे द्वीप के हजारों लोग पानी में फँस गये हैं. पूर्वी इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप से पड़ोसी देश तिमोर लेस्ते में भी बाढ़ का पानी आ गया है. राहत-बचाच के कार्य तेज कर दिये गये हैं लोगों को बचाने के प्रयास किये जा रहे हैं. अधिकारियों ने कहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. वही इंडोनेशिया के आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता रादिया जति ने संवाददाताओं को बताया कि चार उप जिले सात गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं.