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कश्मीरी युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ रहा मिशन यूथ,


मिशन यूथ के सीईओ डा. शाहिद इकबाल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की करीब 69 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष या उससे कम आयुवर्ग की है। मिशन यूथ इसी आबादी पर केंद्रित है। मुमकिन परवाज तेजस्वनी जैसी योजनाओं को युवा क्लबों और यूथ मिशन के जरिए ही कार्यान्वित किया जा रहा है।

श्रीनगर,  : कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शन अगर अब लुप्त हो रहे हैं तो इसका श्रेय सुरक्षाबलों के अलावा मिशन यूथ को जाता है। जम्मू कश्मीर में युवाओं से जुड़ाव और उनके मुद्दों को हल करने के लिए शुरू किया गया यह मिशन अब अपना असर दिखाने लगा है।

स्थानीय युवाओं की तकदीर बदल रहे मिशन यूथ के तहत पूरे प्रदेश में स्थापित लगभग 4300 क्लबों में 30 हजार स्थानीय युवा पंजीकृत हैं। यह क्लब जहां कश्मीर मुद्दे पर युवाओं में दुष्प्रचार और जिहादी मानसिकता के प्रचार प्रसार पर अंकुश लगाने में जुटे हैं, वहीं यह उन्हें मुख्यधारा के साथ जोड़ते हुए उन्हें युवा कल्याण व रोजगार की योजनाओं के प्रति भी जागरूक बनाकर उन्हें अपना व कश्मीर का भविष्य बेहतर बनाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।