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किसानोंकी आज सरकारसे फिर वार्ता,ट्रैक्टर मार्चसे दिखायी ताकत


किसी भी दबावके आगे न झुकनेकी घोषणा
नयी दिल्ली (आससे)। कड़ी सुरक्षा के बीच हजारों किसानों ने गुरुवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन स्थलों सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से ट्रैक्टर रैली निकाली। किसान नेताओंने घोषणा की कि वह किसी भी दबावके आगे नहीं झुकेंगे । कृषि कानूनोंको लेकर शुक्रवारको सरकारसे किसानोंकी फिर वातचीत होगी । किसानों की ट्रैक्टर रैली के कारण दैनिक आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ। किसानों ने इसके साथ ही चेतावनी दी है कि अगर कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को इंडिया गेट पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जायेगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी राकेश टिकैत ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसानों की ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व किया। उनके कार्यकर्ता गाजीपुर बार्डर पर अभी भी भीषण ठंड और बारिश के बीच डटे हुए हैं। टिकैत ने गाजीपुर से पलवल तक के लिये ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि लोगों की परेशानी दूर करना सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि यह 26 जनवरी को होने वाली परेड की रिहर्सल है। उस दिन इससे भी बड़ी परेड निकलेगी। साथ ही उन्होंने चेतावनी की आज की रैली सरकार को यह संदेश देने के लिये है कि वह सुधर जाये। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 3500 से ज्यादा ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के साथ किसान मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से
राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड के पहले यह ”रिहर्सलÓÓ की तरह है। दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस के कर्मियों की भारी तैनाती के बीच ट्रैक्टर पर सवार किसानों ने कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे की ओर मार्च शुरू किया। संयुक्त किसान मोर्चा के एक वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि आगामी दिनों में हम तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे। आज के मार्च में हरियाणा से करीब 2500 ट्रैक्टर आये हैं। उन्होंने आगाह किया कि अगर सरकार हमारी मांगें स्वीकार नहीं करेगी तो किसानों का प्रदर्शन आगे और तेज होगा। आज सिंघु से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर रैलियां निकाली गयीं। उल्लेखनीय है कि भीषण ठंड, बारिश के बावजूद पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य भागों के हजारों किसान पिछले 40 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं।