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कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के आने से फिर डर और बंधनों के बीच जीने की बढ़ती आशंका


बीते दो साल से कोविड-19 के वैश्विक संकट से जूझ रही दुनिया अब तीसरी लहर के खतरे की आशंका से घिरती जा रही है। पहली और दूसरी लहर में भारत समेत दुनिया के कई देश दर्दनाक स्थितियां झेल चुके हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण की वापसी की यह आहट चेताने वाली है। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित किया गया कोरोना का नया वैरिएंट ‘ओमिक्रोन’ फिर से जीवन सहेजने के मोर्चे पर मुश्किलें खड़ी करता दिख रहा है।

विज्ञानियों का भी मानना है कि यह नया वैरिएंट भयावह संक्रमण की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा से भी ज्यादा संक्रामक है। तेजी से फैलने वाले इस वैरिएंट से बचाव और इसके विस्तार को रोकने के लिए सहजता की पटरी पर लौटते जीवन में फिर सतर्कता और दिशा-निर्देशों के पालन की जरूरत है। फिर अपने पैर पसार रही इस जानलेवा परेशानी से लड़ने से लिए आमजन का सचेत रहना जरूरी है। कोविड-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर की मुसीबत से जूझते हुए यह देखा-समझा गया है कि आमजन की समझ और सतर्कता ही इस आपदा को काबू में ला सकती है। हालांकि नए वैरिएंट को लेकर देश में सतर्कता बरती जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां भी शुरू हो गई हैं, पर बड़ी आबादी वाले हमारे देश में इस विपदा से लड़ने के लिए सामुदायिक सजगता ही सबसे मुफीद हथियार है।

चिंतनीय है कि बेहद खतरनाक बताए जा रहे नए वैरिएंट से संक्रमण तेजी से फैल सकता है। नतीजतन कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से फैल रहे संक्रमण की जानकारी सामने आने के बाद पूरी दुनिया में बचाव के इंतजामों पर मुस्तैदी दिखाई जा रही है। फिलहाल दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग में कोविड के नए वैरिएंट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि कई देश अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर रोक भी लगा रहे हैं। नए मरीजों के सामने आने के बाद इजरायल ने सात अफ्रीकी देशों से आने-जाने पर रोक लगा दी है। वहीं ब्रिटेन ने भी छह अफ्रीकी देशों से आवाजाही पर पाबंदियां लगाई हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सहित कई अन्य देश भी प्रतिबंध लगाने के कदम उठाने की सोच रहे हैं।