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गंदे कपड़ों की वजह से किसान को मेट्रो में चढ़ने से रोकना पड़ा भारी, प्रबंधन ने पर्यवेक्षक को किया बर्खास्त;


बेंगलुरु। बेंगलुरु मेट्रो ने सोमवार को एक सुरक्षा पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया है। दरअसल, पर्यवेक्षक ने अनुचित कपड़े पहनने के कारण एक किसान को अपनी ट्रेन सेवाओं का उपयोग करने से रोका था, जिसके बाद उसके खिलाफ एक्शन लिया गया है। दरअसल, एक यात्री ने राजाजीनगर मेट्रो स्टेशन पर 18 फरवरी की घटना का वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था।

मेट्रो प्रबंधन ने की सराहना

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किए गए इस वीडियो के में एक शख्स ने लिखा, “अविश्वसनीय, क्या मेट्रो केवल वीआईपी लोगों के लिए है? क्या मेट्रो का उपयोग करने के लिए कोई ड्रेस कोड है? मैं कार्तिक सी ऐरानी के कार्यों की सराहना करता हूं, जिन्होंने राजाजीनगर मेट्रो स्टेशन पर एक किसान के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी। हमें हर जगह ऐसे नायकों की जरूरत है।”

बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने कहा, “नम्मा (बेंगलुरु) मेट्रो एक समावेशी सार्वजनिक परिवहन है। राजाजीनगर की इस घटना की जांच की जा रही है और सुरक्षा पर्यवेक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है। BMRCL को यात्री को हुई असुविधा के लिए खेद है।”

वीडियो को बाद में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर कई लोगों द्वारा साझा किया गया, जिसमें BMRCL के सुरक्षा कर्मचारियों की इस हरकत की काफी आलोचना की गई।

किसान को कपड़ों की वजह से रोका

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 24 फरवरी को यात्री द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में, सुरक्षा पर्यवेक्षक को किसान को उचित कपड़े न पहनने के कारण मेट्रो सेवाओं का उपयोग करने से रोकते हुए देखा गया था। किसान के बगल में सुरक्षा जांच के लिए कतार में खड़े एक यात्री ने तुरंत हस्तक्षेप किया और सुरक्षा कर्मचारियों से सवाल किया कि वह किस आधार पर उन्हें सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।

किसान के साथ खड़े रहे कार्तिक

कार्तिक सी ऐरानी ने एक नागरिक के रूप में मेट्रो का उपयोग करने के लिए वैध टिकट के साथ अपने अधिकार के लिए किसान की ओर से लड़ाई लड़ी। साथ ही, यह भी कहा कि उनके बैग में कोई भी ऐसी वस्तु नहीं है, जिसे मेट्रो में लाने पर प्रतिबंध है। उन्होंने सुरक्षा कर्मचारियों से एक नियम दिखाने के लिए भी कहा, जो मेट्रो के यात्रियों के लिए एक ड्रेस कोड अनिवार्य करता है।

साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि क्या परिवहन का यह तरीका केवल वीआईपी तक ही सीमित है। बहस के बाद, यात्री ने किसान को अपने साथ चलने के लिए कहा और सुनिश्चित किया कि वह मेट्रो में यात्रा करे।