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गुजरात की इन सीटों पर पिछली बार 1 हजार से भी कम मतों पर हुई थी हार-जीत


नई दिल्‍ली । गुजरात विधानसभा के लिए होने वाला चुनाव काफी दिलचस्‍प होने वाला है। पहले भी यहां की कुछ सीटें ऐसी रही हैं जिनपर चुनाव काफी टक्‍कर का रहा है। इन सीटों पर परिणाम आने से पहले और बाद में भी असमंजस की स्थिति बनी रही। ऐसा इसलिए क्‍योंकि इन सीटों पर हार जीत का फैसला काफी कम वोटों के अंतर से हुआ। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान राज्‍य में इस तरह की करीब 16 सीटें थीं जहां पर 3 हजार या इससे कम मतों से हार-जीत का फैसला हुआ। इनमें से कुछ पर तो हार जीत के बीच 170 वोट ही थे। इस बार इन सीटों पर क्‍या होने वाला है ये तो भविष्‍य के गर्भ में ही छिपा हुआ है। 2017 में इस तरह की सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला था।

कुछ दिलचस्‍प सीट

2017 के चुनाव परिणाम के आंकड़े बताते हैं कि ऐसी करीब 7 विधानसभा सीटें थीं जहां पर 1 हजार से से भी कम मतों पर हार-जीत का फैसला हुआ था। राज्‍य की जिन 16 सीटों की यहां पर हम बात कर रहे हैं उनमें से 10 भाजपा के पक्ष में गई थीं और 6 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। 2017 के चुनाव में सबसे कम अंतर पर जिस सीट पर फैसला हुआ था वो कपरादा थी। ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी। वलसाड जिले की इस सीट पर भाजपा को कांग्रेस के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था। कांग्रेस के जीतूभाई ने ये सीट माधोभाई से महज 170 मतों के अंतर से जीत ली थी। माधोभाई को इस चुनाव में 92830 मत हासिल हुए थे जबकि जीतूभाई को 93000 वोट हासिल हुए थे। हालांकि अब इस सीट पर बाजी पलट रही है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि जीतूभाई ने कांग्रेस से नाता तोड़ भाजपा का हाथ थाम लिया है और भाजपा ने उन्‍हें यहां से टिकट भी दे दिया है।

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बेहद कम अंतर से हुआ हार जीत का फैसला

इसी तरह से गुजरात की पंचमहल विधानसभा सीट पर हार जीत का फैसला महज 258 मतों के अंतर से हुआ था। यहां से भाजपा के राउलजी ने कांग्रेस के प्रवीणसिंह को हराया था। राउलजी को अब कांग्रेस ने गोधरा सीट से टिकट दिया है। आपको बता दें कि गुजरात के 2017 के चुनाव में करीब 4 हजार मत नोटा पर भी पड़े थे। वहीं बसपा उम्‍मीद्वारों को 20 हजार से भी कम वोट हासिल हुए थे। पिछले चुनाव में राज्‍य की ढोलका सीट पर भाजपा ने कांग्रेस के प्रत्‍याशी को 327 मतों से हराया था। गुजरात में 2017 के चुनाव में एनसीपी को 11 हजार से कम वोट हासिल हुए थे वहीं दो निर्दलीय उम्‍मीद्वारों ने भाजपा का साथ दिया था। गांधीनगर की सीट पर कांग्रेस के सुरेश पटेल ने भाजपा प्रत्‍याशी अमित चौधरी को 524 मतों के अंतर से हराकर सीट पर कब्‍जा किया था।

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इस बार भी कड़ी टक्‍कर की उम्‍मीद

राज्‍य की डांग सीट पर भी इसी तरह से कम मतों के अंतर से हार-जीत का फैसला हुआ था। ये सीट महज 768 मतों के अंतर से भाजपा को गई थी। बांटाड सीट पर 906 मतों से फैसला हुआ था। हालांकि भाजपा ने इस बार इस सीट से सौरभ पटेल को टिकट नहीं दिया है। देवदार सीट पर 972 मतों के अंतर से फैसला हुआ था और ये सीट कांग्रेस को मिली थी। छोटा उदयपुर की सीट पर कांग्रेस को जीत के लिए पिछली बार ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था। इस सीट पर मोहन सिंह ने ये सीट करीब 1100 मतों के अंतर से जीती थी। तालाजा, वीजापुर, हिम्‍मतनगर, पोरबंदर, गरियाधर, फतेपुरा, दभोई विधानसभा सीट पर जीत का अंतर 1 हजार से 3 हजार के बीच रहा था।