पटना

जाले: तकनीकी हस्तांतरण में उर्वरक विक्रेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण : जिला कृषि पदाधिकारी


जाले (दरभंगा)(आससे)। केविके जाले में 15 दिवसीय समेकित उर्वरक प्रबंधन विषय पर आयोजित प्रशिक्षण का शुभारंभ मंगलवार को जिला कृषि पदाधिकारी दरभंगा राधा रमण, आत्मा परियोजना निदेशक पीएन झा, केविके के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्जलित कर किया। भारत सरकार के निर्देश पर उर्वरक अनुज्ञप्ति के लिए केविके में आयोजित 15 दिवसीय समेकित उर्वरक प्रबंधन प्रशिक्षण में 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो छठा प्रशिक्षण कार्यक्रम है।

प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी दरभंगा राधा रमन ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी किसानों तक पहुंचाने का आग्रह करते हुए कहा कि किसान खाद बीज विक्रेताओं से सीधे जुड़े होते हैं एवं समय-समय पर उनसे राय लेते रहते हैं। ऐसे में विक्रेताओं का ज्ञान संवर्धन आवश्यक है। उन्हें विभिन्न उर्वरक के प्रभाव की जानकारी, उनके सही समय पर प्रयोग की विधि, पौधों का विभिन्न समय में पोषक तत्व की आवश्यकता, फसलों पर विभिन्न पोषक तत्व की कमी के लक्षण की जानकारी होना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का लाभ उठाकर सभी प्रशिक्षु अपना ज्ञान संवर्धन करें, जिससे किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके। आत्मा परियोजना निदेशक पीएन झा ने सभी प्रशिक्षणार्थियों से मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए समेकित उर्वरक प्रबंधन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला एवम आने वाली पीढ़ी को स्वास्थ्य एवं उपजाऊ भूमि देने के लिए उर्वरकों का सीमित एवं संतुलित प्रयोग करने का सलाह दिया।

केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने कहा कि जिला कृषि विभाग के सहयोग से अब तक 150 प्रशिक्षणार्थियों को उर्वरक अनुज्ञप्ति हेतु प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिनमें से अधिकांश को अनुज्ञप्ति प्राप्त हो चुका है शेष की प्रक्रिया चालू है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में दरभंगा जिला के 15 प्रखण्डों की 30 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आरपी प्रसाद व धन्यवाद ज्ञापन मृदा वैज्ञानिक डॉ. एपी राकेश ने किया। कार्यक्रम में जिला कृषि विभाग के मुकेश कुमार, केंद्र के गृह वैज्ञानिक डॉ. सीमा प्रधान, उद्यान वैज्ञानिक सुश्री कुमारी अंबा सहित चंदन कुमार, संजीव कुमार, पंकज कुमार आदि कर्मी मौजूद थे।