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ट्रैक्टर रैलीमें हिंसा, तोडफ़ोड़-संघर्ष


लाल किलेकी प्राचीरपर चढ़े उपद्रवी, ९३ गिरफ्तार-२०० हिरासतमें
४० किसान नेताओंपर प्राथमिकी, दो संघटनोंने की बगावत

नयी दिल्ली (आससे.)। कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में भारी हिंसा हुई, दिनभर भारी तोडफ़ोड़के साथ संघर्ष चलता रहा। उपद्रवी लाल किलेकी प्राचीरपर चढ़ गये और अपना झंडा फहराया। पुलिसने ९३ आन्दोलनकारियोंको गिरफ्तार किया है और २०० को हिरासतमें लिया है। पुलिसने ४० से अधिक किसान नेताओंपर प्राथमिकी दर्ज की है। दो किसान संघटनोंने बगावत कर आन्दोलन से अपने को अलग किया। उपद्रव पर दिल्ली पुलिस आज सुबह से ही एक्शन में है। अब तक 200 उपद्रवियों को हिरासत में लिया जा चुका है। पुलिस ने हिंसा, तोडफ़ोड़ और नियम तोडऩे की घटनाओं पर 22 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें जानलेवा हमले, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालने और नियम तोडऩे जैसी धाराएं लगायी गयी हैं। इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। एक एफआईआर में 6 किसान नेताओं के नाम भी शामिल हैं। ये नेता- राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह हैं। इनके खिलाफ ट्रैक्टर रैली की शर्तें तोडऩे का केस दर्ज किया गया है। इन नेताओं ने उस एनओसी पर साइन किए थे, जो पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए जारी की थी। किसानों ने मंगलवार को लाल किले में भी तोड़ फोड़ की थी। पुलिस ने उन्हें 3 घंटे के अंदर वहां से खदेड़ दिया था। लेकिन, एहतियातन लाल किले पर आज भी भारी सुरक्षाबल तैनात हैं। वहां रैपिड एक्शन फोर्स लगायी गयी है। साथ ही ड्रोन से नजर रखी जा रही है। एक तरफ पुलिस अपना काम कर रही तो दूसरी ओर सरकार भी स्थिति पर नजर रखे हुए है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने बुधवार को लाल किले पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने अफसरों से रिपोर्ट भी मांगी है। उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर गरवांना गांव के रहने मीथल बराल, और राजस्थान के नागौर सुगनढ़ के कान सिंह के रूप में हुई है। जबकि हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नामक आतंकवादी संगठन ने ली है। यह आतंकी संगठन करीब एक सप्ताह पहले ही अस्तित्व में आया है। सैन्य प्रवक्ता ने इस हमले की पुष्टि की है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम के शमसीपोरा हाईवे पर सुरक्षाबलों का दस्ता गश्त कर रहा था कि अचानक आज यानि बुधवार सुबह आतंकवादियों द्वारा एक स्कूल के समीप लगाई गई आईईडी विस्फोट से चार जवान घायल हो गए। इस घटना को अंजाम देने के उपरांत आतंकवादी घटनास्थल से फरार हो गए। फिलहाल आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए तलाशी अभियान छेड़ दिया गया है। तमाम नाकों को मुस्तैद कर दिया गया है। नाकों से गुजरने वाले प्रत्येक वाहनों की तलाशी ली जा रही है। आतंकी हमले में घायल चारों सुरक्षाबलों के जवानों को सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां तीनों का उपचार जारी है जबकि एक जवान शहीद हो गया है। कुलगाम के एसएसपी का कहना है कि इस आइईडी विस्फोट के उपरांत पुलिस के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। विशेषज्ञों की टीम भी घटनास्थल पर है जहां तमाम जांच की जा रही है।रही है। पुलिस का दावा है कि 300 जवान घायल हुए हैं। उधर, हरियाणा और पंजाब सरकार ने अपने-अपने राज्यों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। किसानों ने मंगलवार को अपनी ट्रैक्टर परेड तय वक्त से पहले ही शुरू कर दी। पुलिस ने परेड के लिए मंगलवार दोपहर 12 से शाम 5 बजे का वक्त और रूट तय किया था। दिल्ली में दाखिल होने के लिए सिंघु, टीकरी और गाजीपुर एंट्री प्वाइंट बनाये गये थे। लेकिन, किसान सुबह 8.30 बजे ही इन एंट्री प्वाइंट्स पर बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली में जबरदस्ती घुस गये और अपनी परेड शुरू कर दी। पुलिस का दावा है कि दिन भर चली हिंसा में 300 जवान घायल हो गये। दिल्ली में मंगलवार को हुई हिंसा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने हाईलेवल मीटिंग बुलायी। शाह ने राजधानी में अद्र्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां भेजने के आदेश दिए। दिल्ली पुलिस को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए गये हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सात एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, दिल्ली की हिंसा के बाद हरियाणा में कैबिनेट की आपात बैठक बुलायी गयी। मुख्यमंत्री खट्टर ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। साथ ही दिल्ली से सटे तीन जिलों सोनीपत, पलवल और झज्जर में इंटरनेट और एसएमएस सर्विस बंद कर दी गयी है।किसान आंदोलन में हुई हिंसा को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे देश के लिए कलंक करार दिया है, इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि भारत का संविधान हर किसी को आंदोलन की इजाजत देता है, लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं है।
किसानों ने अपनी परेड तय वक्त से करीब साढ़े तीन घंटे पहले शुरू कर दी। किसानों ने शुरुआत से ही तय रूट को फॉलो नहीं किया। सबसे पहले सिंघु बॉर्डर से किसान दिल्ली में दाखिल हुए। यहां बैरिकेड्स तोड़ दिए गए। इसके बाद टीकरी और गाजीपुर में भी किसानों ने इसी तरह दिल्ली में एंट्री की। ट्रैक्टरों पर सवार किसानों की तादाद और तेवर देखकर पुलिस भी यहां से पीछे हट गयी।पांडव नगर में गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों को पुलिस ने दोपहर करीब 12.30 बजे नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद किसानों ने भी पुलिस पर पथराव किया और गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की। इसी जगह पर निहंगों का जत्था तलवार लहराता भी नजर आया। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पांडव नगर पुलिस पिकेट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। किसानों ने ट्रैक्टर परेड का रुख इंडिया गेट की तरफ मोडऩे की कोशिश की। यहीं पर पुलिस ने उन्हें रोका। किसान नहीं माने तो लाठीचार्ज और आंसू गैस भी छोड़ी गई। कई पुलिसवाले और आंदोलनकारी भी घायल हुए। यहां बैरिकेड तोडऩे की कोशिश कर रहे एक आंदोलनकारी की ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई। ये किसान उत्तराखंड के बाजपुर का रहने वाला नवनीत था। वह हाल में ही शादी के लिए ऑस्ट्रेलिया से भारत आया था। किसान यहीं पर नवनीत का शव रखकर शाम 6 बजे तक धरना देते रहे।