पटना

दरभंगा जिले की भूमि शून्य जुताई के लिए उपयुक्त : डॉ. दिव्यांशु शेखर


जाले (दरभंगा)(आससे)। आत्मा जिला परिभ्रमण योजना अंतर्गत हायाघाट एवं सदर के 102 किसानों ने केविके जाले एवं प्रखण्ड के ब्रह्मपुर गांव में चलाए जा रहे जलवायु अनुकूल खेती परियोजना अंतर्गत प्रक्षेत्रों का भ्रमण किया। इस दौरान किसानों ने केविके में लगाए गए शून्य जुताई से गेहूं, मसूर, सरसों, मक्का एवं पोटैटो प्लांटर द्वारा लगाए गए आलू के खेतों का भी भ्रमण किया एवं प्रसन्नता जाहिर किया। इस दौरान किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई तकनीक एवं पॉलीहाउस में लगे विभिन्न सब्जियों तथा विभिन्न बागवानी में मसाला एवं दलहनी फसलों का अंतर्वर्ती फसल मसूर, धनिया, अदरक, हल्दी, आदि फसलों को भी देखा।

परिभ्रमण के दौरान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने विभिन्न उन्नत तकनीकों पर किसानों से परिचर्चा की एवम किसानों ने भी अध्यक्ष से तकनीकी और उन्नत फसल से संबंधित कई जानकारियां लिया। केंद्र के अध्यक्ष ने बताया आत्मा के द्वारा संपोषित इस परिभ्रमण कार्यक्रम का उद्देश्य किसान अपने जलवायु में अपने जिला में उन्नत तकनीकों से विभिन्न फसलों की स्थिति एवं उनके द्वारा किए जा रहे खेती के अंतर को समझा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों में विश्वास  पैदा करना है, जिसमें वह अन्य किसानों के प्रक्षेत्र पर उन्नत तकनीक को देखते हुए इन उन्नत तकनीकों को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकें।

उन्होंने बताया कि वैसे इन प्रयासों का असर भी दिखने लगा है। केंद्र के अध्यक्ष ने आत्मा परियोजना निदेशक समेत आत्मा टीम के प्रति आभार व्यक्त किया एवम कहा कि जिनके सहयोग से किसानों को केविके द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न परियोजनाओं कार्यक्रमों एवं प्रत्यक्षण को दिखाने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि दरभंगा जिले की भूमि एवं जलवायु परिस्थिति शून्य जुताई तकनीक के लिए उपयुक्त है। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मी एवं आत्मा हायाघाट सदर एवं जाले के अधिकारी मौजूद थे।