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‘देश की नीति फलस्तीन समर्थन की है, इजरायल की नहीं’, युद्ध में भारत के रुख पर शरद पवार का तंज


नई दिल्ली। इजरायल-हमास युद्ध के सीजफायर प्रस्ताव से भारत ने दूरी बना ली, जिसको लेकर देश में विपक्षी दल लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी अपना पक्ष रखा है। शरद पवार ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस समय सरकार भ्रम में है।

सरकार में युद्ध को लेकर कंफ्यूजन

संघर्ष पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “फलस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार के बीच कंफ्यूजन है। भारत की नीति फलस्तीन का समर्थन करने की थी, इजरायल का नहीं। फलस्तीन में हजारों लोग मर रहे हैं और भारत ने कभी भी इसका समर्थन नहीं किया, इसलिए वर्तमान सरकार में भ्रम की स्थिति है।”

फलस्तीन के समर्थन में दिया बयान

शरद पवार पहले भी फलस्तीन के समर्थन में बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था, “इजरायल-फलस्तीन की जंग विश्व शांति के लिए खतरा है। वहां के जमीन और घर फलस्तीन के थे, लेकिन इजरायल का उस पर कब्जा हो गया है।”

अब तक मारे गए सात हजार फलस्तीनी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि संघर्ष में 7,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। इजरायल पर किए गए अभूतपूर्व हमलों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए थे। हमास ने गाजा में 220 से अधिक लोगों को बंधक बना रखा है।