वाराणसी

धूप-बादलोंका पूरे दिन दिखा खेल


तापमान में बढ़ोत्तरी, राहत नदारद, पश्चिमी विक्षोभसे बदलेगा मौसम
तापमान में बढ़ोत्तरी के बावजूद मौसम राहत देने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि शनिवार को पूरे दिन धूप और बादलों का खेल देखने को मिला। हर क्षण मौसम में परिवर्तन और हवा के झोंके का दौर बना हुआ था। मौसम के एक रंग नहीं होने का खामियाजा है कि कई लोग इस समय मौसम की इस समस्या के कारण दवाओं का सेवन कर रहे हैं। सर्दी, एलर्जी की समस्या हर चौथे व्यक्ति को हो गई है। इस बीच शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्शियस दर्ज किया गया। हालांकि दिन और रात्रि में कुछ स्थानों पर चंद बूंदें भी गिरीं और इससे सिहरन में इजाफा हो गया। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आने वाले एक-दो दिन के अंदर तापमान में गिरावट आयेगी और इससे ठंड में इजाफा होगा।
गलन का सितम सायंकाल तक बना हुआ था। मौसम का तेवर भांपकर लोगबाग घरों में दुबक गये। धूप होने के बावजूद इसमें तल्खी नदारद रही और हवा के हल्के झोंके ही लोगों को झकझोर रहे थे। भगवान भास्कर ने दर्शन दिये तो लोगों के चेहरे खिल गये। आनन-फानन लोगों ने अपने कार्य पूरे किये और आवश्यक कार्यों से निकले। धूप होने के बावजूद सर्द हवा और गलन के साथ बादलों के साथ सूर्यदेव की लुकाछिपी भी चली। यह सिलसिला दिनभर चला। हालांकि धूप से राहत की कोशिश हुई और यही वजह है कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ धूप में बैठी हुई थी। घाटों और पार्कों में लोग जुटे रहे। शाम को सूर्यास्त होने के बाद गलन में इजाफा हुआ। लोगों ने बच्चों और वृद्घों के लिये विशेष सावधानी बरती और उन्हें शाल, मोजे और गर्म कपड़े से लाद दिया। दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में सर्दी का जोर रहा। यहां खेतों में उतरे किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। ठंड से राहत के लिये लोग इंतजाम में लगे हुए थे। गलन और सर्द हवा से राहत के लिये लोगों ने घरों के बाहर अलाव जलाया और खेती-किसानी पर चर्चा करते दिखे। रात में कुहासा होने से वाहन चालकों की दिक्कत भी शुरू हो गई है और एहतियातन लोग रात की यात्रा करने से भी परहेज कर रहे हैं। रात्रि में खराब मौसम के कारण सड़कों पर जल्दी सन्नाटा हो गया। जरूरी कार्यों से ही लोग घरों के बाहर निकले। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डाक्टर एसएन पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ पूर्वांचल और वाराणसी पहुंच चुका है। दिन में धूप और रात में गलन का सितम बना रहेगा। न्यूनतम तापमान में भी लगातार गिरावट आयेगी और ठंड बढ़ेगी।