पटना

पटना: ढाई लाख से कम आय वाले परिवार के बच्चों को छात्रवृति


(आज समाचार सेवा)

पटना। एसएसी एसटी कल्याण मंत्री डा संतोष कुमार सुमन ने कहा कि सूबे की नीतीश सरकार एससी एसटी छात्रों के कल्याणार्थ कई कार्य कर रही है। इसके तहत अब ढाई लाख रुपए से कम आय वाले परिवार के बच्चों को भी विभाग छात्रवृति देगी। उन्होंने कहा कि मेधा पोर्टल पर 41 लाख लोगों ने नामांकन करवाया है।

दलितों के बौद्धिक विकास के लिए सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा हे। जिसमें विकास मित्र बैठकर सरकार की योजनाओं से लोगों को रुबरु भी करते है। सामुदायिक भवन में विकास रजिस्टर दिया गया है जिसमें तमाम सुझाव को दर्ज किया जाता है तथा सभी की समस्या को सुनकर विभाग को भेजा जाता है।

प्रदेश में 9446 विकास मित्र हैं सभी को एड्रांइड मोबाइल फोन से लैस किया गया है। मंत्री श्री सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पिछड़ों तथा अतिपिछड़ों के सर्वांगीण विकास के लिए इस विभाग को अन्य विभाग से अलग कर दिया गया। वर्ष 2005 में जहां 40 करोड़ का बजट का प्रावधान था वहीं इस वर्ष 17 अरब 55 करोड़ का बजट पेश किया गया है।

उन्होंने मेधा छात्रवृति के बारे में बताया कि अब तक 38 लाख छात्रों को छात्रवृति प्रदान की गयी है। सूबे में 86 आवासीय विद्यालय है जिसमें 34 हजार छात्र रहते हैं। सरकार आने वाले दिनों में 10 और विद्यालय का निर्माण करेगी। इन विद्यालयों में रहने वाले बच्चों को सरकार प्रतिमाह एक हजार रुपया देती है तथा उनके भोजन के लिए प्रति छात्र 23 सौ रुपया भी अदा करती है। सभी स्कूलों को 12 वीं तक करने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें करीब 59 हजार बच्चों को रखने की व्यवस्था करेंगे।

सभी बच्चों को रोजगार के लिए कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। स्कूलों से एक भी बच्चा ड्रॉप आउट नहीं हो इसके लिए सरकार भी विचार कर रही है। मंत्री डा सुमन ने कहा कि भीमराव अंबेदकर ने कहा था कि वंचित को शिक्षित करो यही सबसे बड़ा हथियार है। जब शिक्षित होंगे तो अपना अधिकार मांगेंगे। जब समाज के अंतिम पायदान पर बैठने वाला व्यक्ति जागरुक होगा तो अपना अधिकार लेगा।

वहीं लघु जल संसाधन विभाग का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत कर रहे मंत्री डा संतोष कुमार सुमन ने कहा कि सूबे के 75 प्रतिशत लोग कृषि पर आधारित हैं। विभाग द्वारा छोटे तथा लघु किसान को सिचाई मुहैया कराती है। सूबे के 93 लाख में से 64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य विभाग द्वारा पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा 10 हजार योजना का डीपीआर भी तैयार किया जा चुका है।