पटना

पटना: नयी कक्षा में तीन माह बच्चे पढ़ेंगे पुराने क्लास के पाठ


  • अप्रैल से 1ली से 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए चलेगा ‘कैचप कोर्स’
  • 1ली से 8वीं कक्षा के बच्चों की बिना परीक्षा होगी प्रोन्नति

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य के सरकारी स्कूलों में नयी कक्षा में जाने वाले करोड़ों बच्चे तीन माह तक पुरानी कक्षाओं के ही पाठ पढ़ेंगे। सरकारी स्कूलों के बच्चे आगामी अप्रैल माह में नयी कक्षा में जाने वाले हैं। अप्रैल माह में ही सरकारी एवं सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में नया शैक्षिक सत्र शुरू होता है।

सरकारी स्कूलों की बात करें, तो राज्य में तकरीबन 72 हजार प्रारंभिक विद्यालय हैं। इनमें तकरीबन 29 हजार मध्य विद्यालय हैं, जिनमें 1ली से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। बाकी 43 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनमें 1ली से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मिला दें, तो इनकी संख्या तकरीबन आठ हजार है। इसके साथ ही 1ली से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल भी चल रहे हैं।

शिक्षा विभाग की चल रही तैयारियों के मुताबिक नयी कक्षा में जब बच्चे जायेंगे, तो तीन माह तक उन्हें पुरानी कक्षाओं के पाठ इसलिए पढ़ाये जायेंगे, ताकि कोरोनाकाल में स्कूलों के बंद रहने से उनकी पढ़ाई की क्षति की भरपाई हो सके। इससे वे नयी कक्षा के स्तर के अनुरूप हो पायेंगे। यह व्यवस्था 1ली से लेकर 10वीं कक्षा तक में लागू होगी। इसे ‘कैचप कोर्स’ का नाम दिया जायेगा।

इसके साथ ही 1ली से 8वीं कक्षा तक के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत किये जाने के आसार हैं। आपको बता दूं कि राज्य में कोरोना से बचाव को लेकर गत 13 मार्च को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए तमाम शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला राज्य सरकार ने लिया। उसके अगले दिन से सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गये। कोरोना से बचाव को लेकर 22 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर जनता कफ्र्यू लगा।

और, उसके एक दिन बाद पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ। स्कूली छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं भी लॉकडाउन में फंस गयीं। इसलिए कि सरकारी स्कूलों के 1ली से 8वीं कक्षा की परीक्षाएं मार्च के अंतिम हफ्ते में  थीं। 9वीं एवं 11वीं कक्षा की परीक्षाएं भी नहीं हुईं थीं। चूंकि, अगले माह यानी अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना था, इसलिए 1ली से 9वीं एवं 11वीं कक्षाओं के छात्र-छात्रा बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए प्रमोट कर दिये गये। अनलॉक फेज-वन शुरू हुआ, तो सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में मिड डे मील के अनाज बंटने शुरू हुए।

इसके लिए बच्चों के अभिभावक बुलाये गये। अनलॉक के अगले चरण में स्कूलों में 5वीं एवं 8वीं कक्षा से प्रमोट हुए बच्चों के क्रमश: 6ठी एवं 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए टी. सी. (स्थानान्तरण प्रमाण पत्र) बनने शुरू हुए। बाद में बच्चों का दाखिला भी शुरू हुआ। 11वीं कक्षा में भी बच्चों के दाखिले शुरू हुए। 28 सितंबर से स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षाओं के क्लासरूम के ताले प्रतिदिन 33 फीसदी छात्र-छात्राओं के लिए मागदर्शन कक्षा के नाम पर खुल गये।

उसके बाद हर कार्यदिवस को अधिकतम 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ 9वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई चार जनवरी से शुरू हुई। दूसरे चरण में आठ फरवरी से हर कार्यदिवस को अधिकतम 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ स्कूलों में 6ठी से 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई भी शुरू हो गयी है।

बहरहाल, 1ली से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई स्कूलों में अभी भी शुरू नहीं हुई है। इस पर समीक्षा के बाद निर्णय लिया जाना है। समीक्षा जल्द होने वाली है।