पटना

पटना: बेऊर जेल में छापेमारी, पूर्व सांसद विजय कृष्ण के सेल से मिला सिम


मोबाइल नम्बर और बैंक खातों की जांच शुरू

फुलवारीशरीफ (पटना)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य के तमाम जेलों में जिला प्रशासन ने छापेमारी की। बेऊर जेल में दबंग बंदियों द्वारा वार्ड को आलीशान होटल के कमरे जैसा बनाकर ऐश करने और कमजोर बन्दियों को ऑन स्पॉट सजा देने के वीडियो वायरल होने के बाद सरकार और प्रशासन की किरकिरी होने के बाद ही जेलों में छापेमारी की गयी।

इसी दौरान पटना के बेऊर जेल में अहले सुबह पांच बजे छापेमारी करने पहुंचे जिलाधिकारी पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह की भारी फजीहत हो गयी। डीएम जिला प्रशासन, एसएसपी सिटी एसपी कई डीएसपी और कई थानों के थानेदारों के साथ बड़ी संख्या में फोर्स लेकर छापेमारी करने जेल गेट पहुंचे, तब आधा घंटा तक कारा प्रशासन ने जेल गेट नहीं खोला।

इस दौरान डीएम और अन्य अधिकारियों की फौज जेल सुपरिटेंडेंट जेलर सहित अन्य कारा अधिकारियों को कॉल करते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आधे घंटे बाद जब बेऊर जेल गेट का ताला खुला, तब छापेमारी टीम अंदर दाखिल हुई।

इस दौरान जेल में सजायाफ्ता बन्दी पूर्व सांसद विजय कृष्ण के वार्ड से एक सिम मिला। इसके अलावा अन्य वार्डों की छापेमारी में दो मोबाइल और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किये गये। साढ़े पांच बजे से साढ़े नौ बजे तक करीब चार घंटे चली छापेमारी में टीम ने सभी वार्डों को खंगाल डाला, लेकिन कुछ भी खास नहीं मिला।

बताया जाता है कि पिछले दिनों जो जेल का वीडियो वायरल हुआ था, वैसा छापेमारी में नहीं देख जिला प्रशासन टीम चौंक गये। माना जा रहा है कि जेल गेट देर से खोलने के दौरान ही सभी वार्ड में अय्याशी के सामानों को बन्दियों ने कारा प्रशासन की मिलीभगत से हटा दिया।

इस छापेमारी के दौरान पटना डीएम की मौजूदगी के बावजूद जेल गेट को आधा घंटा देर से खोलने को लेकर कारा उपाधीक्षक सजंय कुमार को शो कॉज दिया गया है। इस सबन्ध में जेल प्रशासन से सम्पर्क का प्रयास विफल रहा। बेऊर थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि चार घंटे छापेमारी चली। उन्होंने स्वीकार किया कि डीएम की मौजूदगी में जेल गेट आधे घंटे देर से खोला गया।

छापेमारी के दौरान एक खाली कमरे से दो रजिस्टर मिले हैं। इनमें 20 से अधिक मोबाइल नंबर लिखे गये हैं। इसके अलावा पांच अलग-अलग बैंक के खातों के नंबर भी मिले हैं। दोनों रजिस्टर को जब्त कर संबंधित मोबाइल नंबर व बैंक खातों की जांच शुरू कर दी गयी है। प्रशासन को संदेह है कि बरामद मोबाइल व सिम कार्ड से संबंधित 20 नंबरों से बातचीत की जा रही होगी।