पटना

पटना: भ्रष्ट अधिकारियों के ठिकानों पर छापे


      • जेल अधीक्षक के ठिकानों पर निगरानी की छापेमारी
      • पटना, सहरसा और मुजफ्फरपुर में आय से 1.59 करोड़ अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला

(निज प्रतिनिधि)

पटना। एसवीयू की टीम ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सहरसा के जेल अधीक्षक सुरेश चौधरी के दो अलग-अलग ठिकानों पर छापामारी की है। छापामारी में भ्रष्ट अफसर के पास से करोड़ों रुपये मूल्य की काली कमाई बरामद की गई है। जेल अधीक्षक के पास कई करोड़ की कीमत वाले दो -तीन मंजिला मकान, बैंकों में जमा 20 लाख, एक लाख नकद के साथ सहरसा कार्यालय की तिजोरी में रखे 10 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं।

अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने बताया कि लंबे समय से एसवीयू सुरेश चौधरी की काली कमाई पर लंबे समय से नजर थी। पुख्ता साक्ष्य मिलने  के बाद इनके खिलाफ 1.59 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया। विशेष निगरानी कोर्ट की अनुमति मिलते ही शुक्रवार की अहले सुबह एसवीयू की दो टीमों ने एक साथ सहरसा और मुजफ्फरपुर में इनके ठिकानों पर छापा मारा। एसवीयू को जांच के क्रम में पता चला भ्रष्ट अफसर के पास करोड़ों रुपये की कीमत वाले दो जी प्लस टू भवन हैं। इन्हें आधुनिक सुविधाओं से सजाया गया है। भ्रष्टाचारी का रहन-सहन काफी विलासिता पूर्ण है। इन इमारतों की कीमत चार करोड़ आंकी गई है।

छापामारी जके दौरान सुरेश चौधरी के कई बैंक खातों के बारे में पता चला है। इनके एसबीआइ बैंक खाते में 17 लाख, जबकि पीएनबी बैंक खाते में तीन लाख जमा हैं। इनके पास से एक लाख नकद और सहरसा जेल कार्यालय से तिजोरी में रखे 10 लाख बरामद किए गए हैं। श्री खान ने बताया कि एवीयू के अनुसार भ्रष्ट अफसर ने अपनी काली कमाई से चौधरी ने खूब जमीन खरीदी है। जो मुख्य रूप से मुजफ्फरपुर, मोतिपुर और हाजीपुर में है। जमीन के 15 डीड बरामद किए गए हैं।आश्रितों के पास 38 से अधिक बैंक खाते और फिक्स डिपाजिट हैं। सावधि जमा में इनका तीन लाख का निवेश है।

एडीजी ने बताया कि श्री चौधरी ने एक वर्ष से अपना वेतन नहीं निकाला है। जो इनकी काली कमाई का कारनामा है।विभाग की शक है कि पूर्व वर्षों में भी इन्होंने अपना वेतन नहीं निकाला है। एसवीयू को अंदेशा है कि इनकी कमाई आय से चार गुणा तक अधिक हो सकती है। एडीजी ने यह भी बताया कि श्री चौधरी ने भ्रष्टाचार की काली कमाई से अपने बच्चो कीशिक्षा दीक्षा पर लाखों रुपये खर्च किए हैं। पढ़ाई-लिखाई के साथ अपने बच्चो की हवाई यात्रा पर भी लाखों उड़ाए हैं। विभाग को जो जानकारी मिली है उसके अनुसार चौधरी ने बेटी का नामांकन एक प्राइवेट मेडिकल कालेज में 15 लाख रुपये देकर कराया। दूसरा बेटा मुजफ्फरपुर मेडिकल कालेज में पढ़ रहा है। एक बेटा मुजफ्फरपुर इंजीनियरिग कालेज में पढ़ाई रहा है।

बिहटा के पूर्व थानेदार पर आर्थिक अपराध इकाई ने कसा शिकंजा

पटना (निप्र)। बालू के अवैध खनन में आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने शुक्रवार को बिहटा के तत्कालीन थानेदार अवधेश कुमार झा के पटना और मुजफ्फरपुर के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। छापामारी के दौरानपाया गया कि थानेदार श्री झा ने पत्नी और मां के नाम पर पटना के दानापुर व बिक्रम, जबकि मुजफ्फरपुर के सकरा में पांच भूखंडों का निबंधन कराया है। इस पर 59 लाख से अधिक खर्च किए गए हैं। इसके अलावा बैंक खातों और अन्य वित्तीय संस्थानों में लाखों रुपये भ्रष्ट तरीके से निवेश करने के प्रमाण भी मिले हैं। अवधेश कुमार झा पर आय से अधिक संपत्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनके पास आय से 83 प्रतिशत अधिक संपत्ति मिली है, जो करीब 49 लाख 77 हजार रुपये हैं।

ईओयू की अलग-अलग टीम ने अवधेश के पटना के कुर्जी बालुपर और मुजफ्फरपुर के मझौलिया के पैतृक आवास पर एक साथ तलाशी ली। इसमें 25 जीवन बीमा पालिसियों के प्रीमियम भुगतान से संबंधित कागजात, पासबुक के साथ सुगौली थाने की पुराना स्टेशन डायरी भी बरामद की गई है। इस मामले की टीम अलग से जांच करेगी।

एडीजी ने बताया कि अवधेश 2009 बैच के सीधे नियुक्त पुलिस अवर निरीक्षक हैं। पटना से पहले पूर्वी चंपारण में पदस्थापित थे। प्रोन्नति के बाद बिहटा थाने में पोस्टिंग हुई थी, मगर बालू के अवैध खनन में भूमिका संदिग्ध मिलने पर निलंबित कर दिया गया था। विदित हो कि बालू खनन में अभी तक दो दर्जन से अधिक अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है। अवैध खनन में संदिग्ध भूमिका वाले डेढ़ दर्जन अन्य अफसरों के खिलाफ ईओयू की जांच जारी है।