पटना

पटना: मगही पान की खेती को बढ़ावा देगी सरकार


अगले साल तक 1200 यूनिट पूरा करने का लक्ष्य

(आज समाचार सेवा)

पटना। विप सदस्य ललन कुमार सर्राफ द्वारा नवादा जिला में बीस साल पूर्व हो रहे पान की खेती को पुन: पूर्ववत शुुरु करने के लिए उठाए गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मगही पान का क्षेत्र विस्तार कर कृषकों की आय में वृद्घि के लिए वितीय वर्ष 2021-22 में विशेष उद्यानिक फसल योजना अंतर्गत मगही पान का क्षेत्र विस्तार अवयव को पायलट के रुप में शामिल किया गया है। इसका कार्यान्वयन फारमर प्रोडयूसर कंपनी के माध्यम से किया जाएगा।

एक फारमर प्रोडयूसर कंपनी में अधिकतम 100 कृषकों को अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिए 400 इकाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक इकाई के लिए 300 वर्ग मीटर क्षेत्र विस्तार निर्धारित की गयी है। इस अवयव के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन होने के उपरांत अगले वितीय वर्ष 2022 में अधिक से अधिक लक्ष्य के साथ योजना बन ाया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बिहार में पान की खेती 17 जिलों में होती है लेकिन मगही पान की खेती मुख्य रुप से नवादा, औरंगाबाद, गया और नालंदा जिला में की जाती है। मगही पान को भारत सरकार द्वारा 20 मार्च 2018 को भौगोलिक संकेत प्राप्त है।

मगही पान मुलायम, चिकना, स्वाद में मीठा होने के कारण व्यापारी एवं लोग अधिक पसंद करते है। इसका सेल्फ लाइफ अन्य प्रभेद से अधिक है। मगही पान के प्रसंस्करण एवं डी क्लोरोफिलेशन के लिए उपयुक्त होने के कारण इसका शेल्फ लाइफ 30 से 35 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। मगही पान का मूल्य संवर्धन के तहत तेल निष्कासन के लिए पान अनुसंधान केन्द्र इस्लामपुर में तेल निष्कासन यंत्र इकाई की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2022 में इस लक्ष्य को पूरा करेंगे। इस पान की जो प्रतिष्ठïा मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रहा है।