पटना

पटना: मुखिया के घर से दूर बनेगा मतदान केन्द्र


चुनाव आयोग ने कई नियम लागू किये

पटना (आससे)। बिहार में अब त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। हालांकि इस बार भी चुनाव दलीय आधारित नहीं होने हैं बावजूद इसके सभी राजनीतिक दल पंचायत चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि होली के बाद पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा की जा सकती है।

चुनाव की निष्पक्षता पर कोई सवाल न हो इसके लिए चुनाव आयोग ने कई नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत बिहार पंचायत चुनाव में वर्तमान मुखिया के घर के 100 मीटर के अंदर बूथ नहीं बनाया जा सकता। इसके अलावा किसी निजी भवन, परिसर, थाना, अस्पताल, डिस्पेंसरी, मंदिर या धार्मिक स्थान पर बूथ नहीं बनाए जा सकते हैं।

बिहार पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने सूबे के सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर 27 जनवरी तक मतदाता केंद्र का नाम मांगा गया है। इसके अलावा आयोग ने सभी जिलों के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत को बूथों के गठन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया है। संभावना है कि अप्रैल से शुरू होने वाले पंचायत चुनाव जून के मध्य तक पूरे करा लिए जाएंगे।

बता दें कि 2016 के हुए पंचायत चुनाव में राज्य में 1 लाख 19 हजार बूथ बनाए गए थे। इस बार बूथ की संख्या बढऩे की उम्मीद जतायी जा रही है, बताया गया कि पंचायत चुनाव के लिए बिहार के सभी मतदान केंद्रों की सूची का अंतिम प्रकाशन 2 मार्च तक कर दिया जाएगा। राज्य चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर कह है कि सभी मतदान केंद्र की सूची और निरीक्षण करने का जिम्मा प्रखंड विकास पदाधिकारी का होगा। इसके अलावा मतदान केंद्रों का फाइनल लिस्ट आयोग के सहमति से ही प्रकाशित किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि इस बार बिहार में मुखिया – सरपंच का चुनाव ईवीएम से कराया जाएगा। यानी बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार मल्टी पोस्ट ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा।

बता दें कि पहले पंचायत चुनाव की प्रक्रिया बैलेट पेपर के जरिए पूरी की जाती थी जिसमें अलग-अलग मतपत्रों पर मुहर लगाने की व्यवस्था थी। लेकिन, इस बार हर बूथ पर मल्टी पोस्ट ईवीएम की व्यवस्था की जाएगी। ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने के राज्य निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर बिहार सरकार ने भी मुहर लगा दी है।