पटना

पटना: सोलर लाइट घोटाले में पांच मुखिया नपे


      • रोहतास के चेनारी प्रखंड के पांच पंचायत का मामला
      • नियमों की जानकारी न रखना मुखिया की अक्षमता : मीणा

(आज समाचार सेवा)

पटना। रोहतास के चेनारी प्रखंड अंतर्गत पांच पंचायतों में सोलर घोटाले का मामला सामने आया है। सभी पांच पंचायतों के मुखिया को सरकार ने शेष अवधि के लिए हटा दिया है। वैसे नौ पंचायम में इस तरह का मामला है, परंतु अभी पांच मामलें में कार्रवाई हुई है शेष चार मामले की सुनवाई चल रही है। इन पंचायतों के मुखिया का हटना तय माना जा रहा है।

पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने लंबी सुनवाई के बाद माना है कि सोलर लाइट के नाम पर लगभग १८.५८ लाख के दुर्विर्नियसोग का मामला प्रमाणित हो चुका है। दरअसल १४ वें वित्त आयोग के निर्देश के विपरित मनमर्जी तरीके से सोलर लाइट लगाने का निर्णय लिया गया। बड़ी राशि की निकासी कर बगैर कार्यादेश जारी किये ही किसी खास एजेंसी को चेक जारी कर दिया गया। वहां लगभग दो माह तक राशि बगैर किसी उपयोग के पड़ी रही। बाद में मामले का खुलासा होने के बाद उस राशि को पंचायत के खाते में जमा भी करा दिया गया।

विभाग से जारी अलग-अलग आदेश में कहा गया है कि रोहतास जिला के चेनारी प्रखंड अंतर्गत खुर्साबाद पंचायत के मुखिया मूसा कुरैशी, पेबंदी के मुख्यिा समीमा खातुन, देवीछीह के मुख्यिा शिवमूरत राम, चेनारी प्रचांयत के मुख्यिा अर्चना देवी, सदोखर पंचायत के मुख्यिा रामइकबाल सिंह और केनारकला के मुखिया अनिल कुमार ने १४ वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलने वाली राशि से पंचायत की बैठक में सोलर लाइट लगाने का निर्णय लिया है। जबकि इस मद से सोलर लाइट लगाने का कोई प्रावधान नहीं है।

मामले की जानकारी मिलने पर डीएम रोहतास के निर्देश पर एसडीओ ने इसकी जांच की। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि जानबुझकर षडयंत्र के तहत सोलर लाईट के नाम पर राशि की निकासी की गयी और उसका उपयोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया। मामला प्रकाश में आने पर राशि वापस कर दिये जाने से अपराध की गंभरता कम नहीं हो जाती। डीएम का भी मंतव्य है कि सरकारी मार्ग निर्देशिका के विरुद्घ कार्य योजना तैयार करने एवं राशि का दुर्विनियोग करने के आरोप में संबंधित मुखिया के विरुद्घ पंचायती राज अधिनियम की धारा १८-५ के अधीन कार्रवाई अपेक्षित है।

पंचायत निधि से अग्रिम की गयी राशि दो माह तक एजेंसी के पास पड़ी रही। इस प्रकार उक्त राशि का दुर्विनियोग हुआ है और इसमें मुखिया की भूमिका होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। पंचायत प्रधान होने के नाते नियमों की जानकारी नही रखना मुखिया की अक्षमता को दर्शाता है। ऐसे गंभीर मामले में पांचों मुखिया को शेष अवधि के लिए हटाया जाता है।