पटना

पटना: 1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई जल्द शुरू होने के आसार


सेफ्टी, सफाई, डिजिटल थर्मामीटर, सेनेटाइजर की होगी व्यवस्था

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में सभी कोटि के स्कूलों में 1ली से 5वीं कक्षा  की पढ़ाई जल्द शुरू होने के आसार बन रहे हैं। हालांकि, 1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू करने संबंधी निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में लिया जाना है। इसकी तिथि अभी तय नहीं हुई है। लेकिन, माना जा रहा है कि पढ़ाई के लिए स्कूलों में 1ली से 5वीं कक्षा के बंद ताले जल्द खुल जायेंगे।

शिक्षा विभाग की तैयारियों से मिल रहे संकेत के मुताबिक अगले माह यानी मार्च के पहले हफ्ते में 1ली से 5वीं  कक्षा की पढ़ाई शुरू होने की संभावना है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने शुक्रवार को यूट्यूब सेशन के जरिये जिला शिक्षा पदाधिकारियों, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों, संकुल समन्वयकों, प्रधानाध्यापकों एवं टोला सेवकों को निर्देश दिया कि विद्यालय पुन: खुलने के पूर्व उसकी सेफ्टी, साफ-सफाई की सुविधा, डिजिटल थर्मामीटर, सेनेटाइजर, साबुन  आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

1ली से 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई वाले सरकारी स्कूलों की संख्या राज्य में तकरीबन 72 हजार है। इनमें 29 हजार स्कूलों में 1ली से 8वीं कक्षा की पढ़ाई होती है। बाकी 43 हजार स्कूलों में 1ली से 5वीं कक्षा की पढ़ाई होती है।   इसके साथ ही 1ली से 8वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए आरटीई के तहत रजिस्टर्ड प्राइवेट स्कूलों की संख्या तकरीबन 10 हहजार है। इसके अलावा 1ली से 8वीं की पढ़ाई वाले अल्पसंख्यक स्कूलों के साथ ही संस्कृत स्कूल एवं मदरसे भी हैं।

1ली से 8वीं तक की पढ़ाई वाले सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों, अल्पसंख्यक स्कूलों, संस्कृत स्कूलों एवं मदरसों में प्रति कार्यदिवस 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के साथ 6ठी से  8वीं कक्षा की पढ़ाई आठ फरवरी से शुरू हो चुकी है। उसी दिन से 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के साथ प्राइवेट स्कूलों में भी 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई चल रही है।

हालांकि, इसके पहले से ही 9वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई चल रही है। मार्गदर्शन कक्षा के नाम पर प्रति कार्यदिवस 33 फीसदी बच्चों की उपस्थिति के साथ 28 सितंबर से 9वीं से 12वीं कक्षाओं के क्लासरूम के ताले स्कूलों में खुले। उसके बाद चार जनवरी से हर कार्यदिवस को अधिकतम 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ 9वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई चल रही है।

9वीं से 12वीं एवं 6ठी से 8वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू करने के पहले स्कूलों के परिसर, भवन व कक्षाएं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचेन, वाशरूम, प्रयोगशाला एवं लाइब्रेरी सफाई के साथ ही विसंक्रमित किये गये। डिजिटल थर्मोमीटर, सेनेटाइजर, साबुन की व्यवस्था की गयी। शिक्षण संस्थानों द्वारा परिवहन व्यवस्था आरंभ किये जाने के पूर्व सेनेटाइजेशन की व्यवस्था हुई। ऐसी व्यवस्था है कि शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी भी छह फीट की दूरी पर बैठेें। यही व्यवस्था आगंतुकों के लिए भी है। छात्र-छात्राओं के आने-जाने  के समय मुख्य द्वार पूरी तरह खुले रखे जाते हैं, ताकि एक स्थान पर भीड़ नहीं लगे।

आपको याद होगा कि राज्य में कोरोना से बचाव को लेकर गत 13 मार्च को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए तमाम शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला राज्य सरकार ने लिया। उसके अगले दिन से सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गये। कोरोना से बचाव को लेकर 22 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर जनता कफ्र्यू लगा। और, उसके एक दिन बाद पूरे देश में लॉकडाउन लागू हुआ। स्कूली छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं भी लॉकडाउन में फंस गयीं।

इसलिए कि सरकारी स्कूलों के 1ली से 8वीं कक्षा की परीक्षाएं मार्च के अंतिम हफ्ते में  थीं। 9वीं एवं 11वीं कक्षा की परीक्षाएं भी नहीं हुईं थीं। चूंकि, अगले माह यानी अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होना था, इसलिए 1ली से 9वीं एवं 11वीं कक्षाओं के छात्र-छात्रा बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए प्रमोट कर दिये गये।

अनलॉक फेज-वन शुरू हुआ, तो सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में मिड डे मील के अनाज बंटने शुरू हुए। इसके लिए बच्चों के अभिभावक बुलाये गये। अनलॉक के अगले चरण में स्कूलों में 5वीं एवं 8वीं कक्षा से प्रमोट हुए बच्चों के क्रमश: 6ठी एवं 9वीं कक्षा में दाखिले के लिए टी. सी. (स्थानान्तरण प्रमाण पत्र) बनने शुरू हुए। बाद में बच्चों का दाखिला भी शुरू हुआ। 11वीं कक्षा में भी बच्चों के दाखिले शुरू हुए।

बहरहाल, पहले 9वीं से 12वीं, फिर 6ठी से 8वीं कक्षा के बाद अब स्कूलों में 1ली से 5वीं कक्षाओं की पढ़ाई शुरू होने की बारी है।