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पाकिस्तान के जिस 100 साल पुराने मंदिर पर कट्टरपंथियों ने किया था हमला,


इस्लामाबाद, । भारत, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के 250 हिंदू तीर्थयात्रियों का एक समूह इस सप्ताह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक सदी पुराने तीर्थस्थल का दौरा करने वाला है, जिसे पिछले साल एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी ने तोड़ दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू तीर्थयात्री परमहंस जी महाराज की समाधि पर जाएंगे। परमहंस एक संत थे जिनकी 1919 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले के टेरी गांव में मृत्यु हो हुई थी। यहां 1920 में एक मंदिर बनाया गया, जिसमें संत की समाधि है। पाकिस्तान हिंदू परिषद (पीएचसी) के निमंत्रण पर तीर्थयात्री टेरी समाधि का दर्शन करेंगे।

पीएचसी के संरक्षक डा रमेश कुमार वंकवानी ने अखबार को बताया, यह दूसरी बार है जब परिषद ने दूसरे देशों के हिंदू तीर्थयात्रियों को आमंत्रित किया है ताकि वे खुद पाकिस्तान में एक सहिष्णु और बहुलवादी समाज के अस्तित्व को देख सकें।

रिपोर्ट में कहा गया है कि परिषद ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सहयोग से इस कार्यक्रम की व्यवस्था की है। पिछले महीने भारत, कनाडा, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया और स्पेन से 54 हिंदुओं ने देश का दौरा किया था।

 

पिछले साल दिसंबर में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (JUI-F) के कुछ स्थानीय मौलवियों के नेतृत्व में लोगों ने ग्रामीणों को मंदिर को ध्वस्त करने के लिए उकसाया। इसके परिणामस्वरूप स्थानीय मदरसे के छात्रों के नेतृत्व में लोगों ने मंदिर पर हमला कर दिया।