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बठिंडा फायरिंग केस की गुत्थी सुलझी! साथी फौजी ने ही की थी चार जवानों की हत्या, कबूला जुर्म


बठिंडा, । बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में चार जवानों की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सूत्र बता रहे हैं कि बठिंडा पुलिस ने पांच दिन की कड़ी मेहनत के बाद चार जवानों की हत्या के मामले को सुलझा लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जवानों की हत्या साथी फौजी ने ही की थी। बठिंडा पुलिस ने इस मामले में एक फौजी को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान दिसाई मोहन के रूप में हुई है।

एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि उक्त घटना के बाद पंजाब पुलिस की टीम जांच कर रही थी। जांच के दौरान जब चश्मदीद गनर दिसाई मोहन से सख्ती से पूछताछ की गई तो आरोपित ने अपना जुर्म कबूला।

पहले राइफल चुराई, फिर दिया वारदात को अंजाम

एसएसपी ने बताया कि आरोपित ने अपने निजी कारणों के कारण चार जवानों की हत्या की। आरोपित ने पहले मिलिट्री स्टेशन से ही राइफल चोरी की और फिर उसी राइफल से चारों पर फायरिंग की। आरोपित ने आपसी रंजिश के कारण वारदात को अंजाम दिया है।

मुख्यालय दक्षिण पश्चिमी कमान ने बयान जारी कर कहा कि निरंतर पूछताछ के बाद, आर्टिलरी यूनिट से गनर देसाई मोहन नाम के एक व्यक्ति ने एक इंसास राइफल चोरी करने और अपने चार सहयोगियों की हत्या करने में अपनी संलिप्तता कबूल की है। प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि यह स्पष्ट रूप से व्यक्तिगत कारणों/द्वेष के कारण था। बयान में आगे बताया गया कि आरोपित वर्तमान में पुलिस हिरासत में है और आगे के विवरण का पता लगाया जा रहा है।

देसाई मोहन ने की पुलिस को भटकाने की कोशिश!

आपको बता दें कि देसाई मोहन इस मामले में एकमात्र चश्मदीद था। उसी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचिता किया था कि उसने सफेद कुर्ता-पायजामा पहने दो नकाबपोश व्यक्तियों को अपराध स्थल से भागते हुए देखा। उन्होंने कथित तौर पर फेसमास्क पहने हुए थे और एक के पास इंसास राइफल थी, जबकि दूसरे के हाथ में कुल्हाड़ी थी।

हालांकि, जांचकर्ताओं ने कहा कि कैंपस के सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया गया है, जिसमें कोई भी संदिग्ध व्यक्ति दिखाई नहीं दिया है। ऐसे में साफ है कि पुलिस को देसाई मोहन पर शक हो रहा था। जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल लिया।

गौरतलब है कि फायरिंग और हत्या के मामले में बठिंडा छावनी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बठिंडा मिलिट्री स्टेशन देश के सबसे बड़े आर्मी बेस में से एक है और इसमें फोर्स की बड़ी संख्या में ऑपरेशनल यूनिट्स हैं।