पटना

बिहारशरीफ: कोविड से मरने वालों की निःशुल्क अंत्येष्टि के लिए नगर निगम पहले निर्गत कर चुका है आदेश


      • जिलाधिकारी ने 09 मई को नगर आयुक्त को लिखा था पत्र इस आलोक में 10 मई को निगम ने जारी किया था आदेश
      • शहर के प्रमुख स्थानों पर बड़ा-बड़ा होर्डिंग लगा कर किया गया था प्रचार लेकिन जिसे सौंपी गयी थी जवाबदेही वही निकला घोटालेबाज
      • जिलाधिकारी ने नगर निकायों को पुनः स्मारित करते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार तथा नंबर जारी करने का दिया निर्देश ताकि लोग ना हों परेशान

बिहारशरीफ (आससे)। हाल के दिनों में कभी बिहारशरीफ नगर निगम तो कभी नगर पंचायत इस्लामपुर में कोरोना या उससे संदिग्ध की मौत के मामले को लेकर बवाल मचा है। कहीं सफाई ठेला से शव ढोने का मामला सामने आ रहा है तो कहीं पैसा वसूलने का। लेकिन इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा पहले से हीं आदेश निर्गत है और नगर निकाय क्षेत्रों में ऐसे शवों का अंतिम संस्कार नगर निकाय को करना है। जिला पदाधिकारी द्वारा इस संदर्भ में सभी नगर निकायों को 09 मई को ही संबंधित आदेश दिया जा चुका है।

जिला पदाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि फिर से नगर निकायों को स्मारित करते हुए इस मामले का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया गया है। बिहारशरीफ नगर निगम को दो नंबर भी जारी करने को कहा गया है ताकि लोग उस नंबर पर संपर्क कर आवश्यकतानुसार मदद ले सके। डीएम ने यह भी बताया कि निर्देश के आलोक में बिहारशरीफ नगर निगम ने इस मामले का प्रचार-प्रसार भी कराया है। लोग जागरूक हो और इसका लाभ उठाये।

नगर आयुक्त ने इस संबंध में 10 मई को कार्यालय आदेश निर्गत किया था जिसमें जिला पदाधिकारी नालंदा के आदेश ज्ञापांक 2912, दिनांक 09 मई 2021 का हवाला दिया था और कहा था कि नगर निगम क्षेत्र के 17 नंबर सलेमपुर में अवस्थित शवगृह में कोविड-19 से मरे हुए सभी व्यक्तियों या फिर कोविड लक्षण वाले निगेटिव व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया जाना है।

नगर विकास एवं आवास विभाग तथा जिला पदाधिकारी से प्राप्त आदेश के आलोक में स्वास्थ्य निरीक्षक परमानंद प्रसाद को निर्देश दिया गया था कि 17 नंबर सलेमपुर में अवस्थित शवगृह में अंतिम संस्कार कराना सुनिश्चित करे। प्रतिदिन वार्ड जमादार की पालीवार प्रतिनियुक्ति भी की गयी। पूर्वाह्न 6 बजे से अपराह्न 3 बजे तक अनिल कुमार, तथा अरपाह्न 3 बजे से शाम 10 बजे तक संजय कुमार, वार्ड जमादार को वहां प्रतिनियुक्त किया गया था।

अदेश में यह स्पष्ट था कि मरे हुए व्यक्ति का विवरणी रजिस्टर में संधारित करेंगे तथा विहित प्रपत्र में सूचना कार्यालय को देंगे। अंतिम संस्कार पर होने वाले व्यय से संबंधित विवरणी कार्यालय में साप्ताहिक प्रस्तुत करेंगे ताकि भुगतान की कार्रवाई की जा सके। शवदाहगृह में अंतिम संस्कार करने वाले व्यक्ति अनिवार्य रूप से पीपीई किट एवं आवश्यक सुरक्षा उपकरण का उपयोग सुनिश्चित करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि मृत शरीर शवगृह में एंबुलेंस/शव वाहन के माध्यम से लाया जाय। मृत शरीर को सम्मान एवं सावधानीपूर्वक बाहर निकालकर अंतिम संस्कार सुनिश्चित करें। नगर प्रबंधक एवं दोनों उप नगर आयुक्त को आदेश दिया गया था कि अंतिम संस्कार के लिए जारी दिशा-निर्देश का दृढ़तापूर्वक अनुपालन कराना सुनश्चित करेंगे तथा शवगृह में आवश्यक साफ-सफाई, पर्याप्त रोशनी एवं जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

मजे की बात तो यह है कि नगर निगम ने इस संबंध में बड़े-बड़े होर्डिंग भी लगाये थे। स्थानीय अस्पताल चौराहा, समाहरणालय के मुख्य द्वार तथा कारगिल चौक के पास नगर निगम द्वारा निःशुल्क अंत्येष्टि के लिए बोर्ड लगाया गया है। बावजूद इसके लोग जानकारी के अभाव में ठगे जा रहे है। विडंबना तो यह है कि जिस स्वास्थ्य निरीक्षक को इसकी जवाबदेही सौंपी गयी है वही वसूली करने पर जुटा है।