पटना

बिहारशरीफ: क्या यातायात थाना का दायरा अस्पताल चौराहा से भराव पर चौराहा तक है?


  • इसी एक किलोमीटर के दायरे में ट्रैफिक डीएसपी से लेकर थानेदार तक दिखते है ट्रैफिक नियम का अनुपालन कराते
  • शहर के अन्य मार्गों में न दिखते है थानेदार ना डीएसपी जहां रोज उड़ रही है ट्रैफिक नियमों की धज्जियां
  • इंटरमीडिएट परीक्षा के अंतिम दिन भीड़-भाड़ वाले इलाके में वाहन जांच कर यातायात थाना ने खड़ी की मुसीबत जिससे अस्पताल चौराहे पर हुआ हंगामा

बिहारशरीफ (आससे)। आज इंटरमीडिएट परीक्षा का अंतिम दिन था और अंतिम दिन भीड़-भाड़ भी अधिक थी। सड़कों पर लोगों की संख्या भी बढ़ी थी। इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा समाप्त होने के कारण लेाग अभिभावकों के साथ घर लौट रहे थे। ऐसे में जहां-तहां गाड़ियों की भीड़ भी दिख रही थी। और, इसी बीच पुलिस की वाहन चेकिंग भी चल रही थी। स्थिति यह हुई कि सड़कें जाम होने लगी। दोपहर बाद किसान आंदोलन में शामिल लोग भी कुछ देर के लिए अस्पताल चौराहा जाम किया, जिसके बाद जाम की स्थिति और भयावह हो गयी। यातायात थाना को जाम हटाने में लहेरी थाना और नगर थाना की मदद लेनी पड़ी।

अस्पताल चौराहे पर गाड़ियों की चेकिंग चल रही थी। हेलमेट नहीं रहने के कारण एक युवक का चालान काटा गया, जिसके बाद वह हंगामे पर उतर गया। देखते-देखते कुछ परीक्षार्थी भी हंगामा करने लगे। सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी। हंगामा होने लगा। अंततः लहेरी थाना पुलिस पहुंची और बल प्रयोग कर लोगों को खदेड़ा। काफी मशक्कत के बाद सड़क जाम तो समाप्त हुई, लेकिन कई लोग जाम में फंसे और अफरातफरी मची।

विडंबना तो यह है कि शहर में यातायात थाना बनी है और यातायात थाना पुलिस का काम बस वाहन चेकिंग रह गया है। अपने उच्च अधिकारियों को दिखाने के लिए यातायात थाना पुलिस सिर्फ अस्पताल चौराहा से लेकर भराव पर चौराहा तक अपनी बाहें फैलाती है। यानी कि इतनी दूरी में ही सड़क पर खड़ी वाहनों या सड़क पर चल रहे लोगों से यातायात थाना प्रभारी और पुलिस जुर्माना वसूलती है। शहर के अन्य इलाके यथा अस्पताल चौराहा से लेकर सहोखर, अस्पताल चौराहा से लेकर खंदक मोड़, खंदक मोड़ से लेकर पुलपर के रास्ते भराव पर मोड़ तक रोज सड़कें जाम रह रही है। सड़क के आधे हिस्से में वाहन पार्किंग की जा रही है। ना कोई सीट बेल्ट लगा रहा है और ना हेलमेट बांध रहा है, लेकिन इन इलाकों में यातायात थाना की पुलिस कभी दिखती हीं नहीं है।

वजह यह भी है कि इन क्षेत्रों में जाम हटाना और वाहन चेकिंग करना यातायात थाना के लिए मशक्कत की बात होगी और इस इलाके में ना पुलिस और ना ही प्रशासन के वरीय अधिकारी उनके कागजों को देख पायेंगे। सच तो यह है कि अधिकारियों के आगे कॉलर चमकाने के लिए भी यातायात थाना पुलिस इसी एक किलोमीटर के दायरे में अपने करतब दिखाते रहती है। और तो और यातायात डीएसपी भी बस इसी एक किलोमीटर के दायरे में यदा-कदा वाहनों का चालान काटते हुए दिख जाते है।