पटना

बिहार के 149 आईटीआई बनेंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस


कैबिनेट के फैसले:

  • ईको-पर्यटन के विकास के लिए अलग होगा संभाग, 224 पद सृजित
  • तीन नये नगर निकाय बने, कई उत्क्रमित किये गये

पटना (आससे)। बिहार के सभी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) को उच्च स्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाएगा। दो चरणों में इसे पूरा किया जाएगा, जिसपर कुल 4606 करोड़ 97 लाख खर्च होंगे। पहले चरण में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 60 और दूसरे चरण में 2022-23 में 89 कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गई।

सभी आईटीआई में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को देने के लिए नई मशीनें स्थापित की जाएंगी। इसको लेकर टाटा टेक्नोलॉजी के साथ जल्द करार होगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने में जो 4607 करोड़ खर्च होने हैं, उसका 88 प्रतिशत हिस्सा टाटा टेक्नोलॉजी ही देगी। शेष 12 प्रतिशत राशि 552 करोड़ 84 लाख का वहन राज्य सरकार करेगी। इनमें पहले चरण में 262 करोड़ 68 लाख और दूसरे चरण में 389 करोड़ 66 लाख राज्य सरकार खर्च करेगी, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। कैबिनेट से अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इसकी जानकारी दी। कुल 14 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दी है।

ईको-पर्यटन के विकास के लिए एक अलग संभाग बनेगा। इस संभाग में विभिन्न कोटि के 224 पद सृजित होंगे। कैबिनेट ने इन पदों समेत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में 291 पदों के सृजन की स्वीकृति दी। राजगीर के नेचर सफारी के स्थाई और बेहतर संचालन के लिए भी 38 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। साथ ही 35 वाहनों की खरीद की भी मंजूरी मिली। राजगीर जू सफारी के बेहतर संचालन के लभी 29 अतिरिक्त पद सृजित हुए हैं।

राज्य में तीन नये नगर निकाय बनाये गये हैं। वहीं कइयों को उत्क्रमित किया गया है और क्षेत्र का विस्तार भी किया गया है। कैबिनेट ने इसकी स्वीकृति दी है। सहरसा नगर परिषद को नगर निगम बनाया गया है। वहीं मुजफ्फरपुर और छपरा नगर निगम का क्षेत्र विस्तार किया गया है।