पटना

बेगूसराय: निर्धारित शुल्क से अधिक लेने वाले विद्यालय के प्रधानों पर होगी कार्रवाई, छात्र लिखित शिकायत करें : डीईओ


बेगूसराय (आससे)। जिले में विद्यालयों द्वारा नामांकन और वार्षिक फॉर्म भरने में अवैध रूप से उगाही करने वाले प्रधान पर होगी कार्रवाई, छात्र लिखित शिकायत शिक्षा विभाग के कार्यालय में दें वैसे विद्यालय प्रधान को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करने में कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी।

बताते चलें कि दैनिक ‘आज’ के पोर्टल पर 24 अगस्त को शीर्षक “डीईओ साहब यह क्या हो रहा है? इंटर नामांकन में तय शुल्क से 5 गुना अधिक राशि ली जा रही है” से संबंधित खबर प्रमुखता के साथ लगाई गई थी। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए। डीईओ रजनीकांत परवीन ने पत्र जारी कर सभी प्रधान को कड़ी चेतावनी दी है। डीईओ ने कहा है कि छात्रों को जो राशि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा तय की गई है वही शुल्क लेना है अगर किसी भी तरह की शिकायत छात्रों या अभिभावकों के द्वारा मिलती है तो वैसे विद्यालय प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी कहा है कि छात्रों को रसीद देना सुनिश्चित करें। साथ ही छात्र भी रसीद की मांग करें।

डीईओ ने जारी पत्र के माध्यम से जिले के सभी कोटि के माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रचार्य व प्रभारी प्रचार्य को इस संबंध में निर्देश दिया है। उन्होनें कहा है कि इंटरमीडिएट की बार्षिक परीक्षा के फार्म भरने में कुछ विद्यालयों के प्रधान द्वारा बोर्ड परीक्षा शुल्क एंव विद्यालय शुल्क का विवरण विद्यालय के सूचना पट्ट पर नहीं लगाया गया है। जिसके कारण छात्र/छात्राओं और अभिभावकों को परीक्षा आवेदन भरने में कठिनाई हो रही है।

उन्होनें कहा है बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार की राशि ना लिया जाए। साथ ही शुल्क के रूप में ली जाने वाली राशि का रसीद उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। इसके साथ ही कहा कि राशि की सूचना सूचना पट्ट पर लगाई जाए। साथ ही अतिरिक्त राशि लेने पर अवैध वसूली समझकर कानूनी कारईवाई की जाएगी। साथ ही विद्यालय प्रधान के उपर अनुशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी।

बताते चलें कि जब इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जिन छात्र-छात्राओं से नामांकन शुल्क में अधिक राशि ली जा रही है वह लिखित शिकायत कर विभाग को सूचित करें। जिसके बाद उन विद्यालय प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि इंटरमीडिएट के नामांकन में जिन छात्र-छात्राओं का प्रथम लिस्ट में नाम आया है वे सभी छात्र-छात्राएं उन विद्यालयों या अनुदानित इंटर कॉलेज में नामांकन कराना है। छात्र-छात्राओं की मजबूरी है कि जिनका जिन विद्यालयों एवं अनुदानित इंटर कॉलेज में नाम आया है उन्हें उसी में नामांकन करवाना है जिसके लिए तिथि निर्धारित है। जिसका लाभ वहां के प्रधानों के द्वारा उठाया जा रहा है। छात्र-छात्राओं की मजबूरी है कि उन्हें हर हाल में प्रथम लिस्ट में जिन विद्यालयों या अनुदानित इंटर कॉलेज में नाम आया है वही नामांकन कराना है।

इसी मुद्दे को लेकर जिले के कई छात्र संगठन ने भी आवाज को बुलंद की है। अब देखना यह भी होगा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश का कितना असर होता है या फिर मनमानी चलती रहेगी। ज्ञात हो कि जिले में इन दिनों इंटरमीडिएट के नामांकन में हरेक वर्ग के छात्रों से निर्धारित राशि से अधिक राशि वसूली जा रही है। इतना ही नहीं स्कूलों में ली जाने वाली राशि भी तय नहीं है। जिले में हरेक स्कूलों के प्रधान ने अपने हिसाब से शुल्क तय कर रखा है। साथ ही कई ऐसे विद्यालय है जो कि छात्र-छात्राओं को रसीद नहीं दे रहे हैं।