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भाजपा ने बुलाई प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों और पदाधिकारियों की बैठक,


पटना : महागठबंधन सरकार को चुनौती देने के लिए भाजपा पार्टी पदाधिकारियों के जरिए कार्यकर्ताओं को नए सिरे से सक्रिय करने की तैयारी में जुट गई है। इसी क्रम में विपक्ष की भूमिका को लेकर बीजेपी ने 20 अगस्त को प्रदेश से लेकर जिला और मंडल स्तर तक के पदाधिकारियों और प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों की  वर्चुअल बैठक बुलाई है। इसमें सभी सातों मोर्चों के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है। 

दरअसल, भाजपा फ्रंटल संगठनों में भविष्य देख रही है। इसी उद्देश्य से पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश इकाई को नए सिरे से नेताओं, प्रदेश, जिला और मंडल स्तर तक के पार्टी पदा​धिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं को जागरूक करने का निर्देश दिया है। वर्चुअल बैठक को प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के अलावा प्रदेश संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ संबो​धित करेंगे। इससे पहले भाजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनादेश के साथ विश्वासघात और जनता को धोखा देने को लेकर महाधरना देकर प्रदेश से लेकर जिला और मंडल स्तर तक के पार्टी पदा​धिकारियों और जनप्रतिनि​धियों को जागरूक कर चुकी  है। अब भाजपा ने बिहार में अकेले दम पर लोकसभा की 35 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत अब भाजपा मंडल से लेकर प्रदेश स्‍तर तक महागठबंधन सरकार की गड़बड़ियों को उजागर करेगी।

राजनीतिक चुनौतियों को बीजेपी ने किया स्वीकार

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट संदेश है कि कारण चाहे जो भी हो, नई राजनीतिक चुनौतियों को पार्टी पूरी तरह से स्वीकार करती है। भाजपा अकेले दम पर अगले लोकसभा चुनाव में जदयू-राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से लड़ेगी। विपरीत परिस्थिति में भी अपना मार्ग सुगम बना लेने वाली भाजपा विपक्ष की भूमिका को भी कमोवेश अपनी जीत मान रही है। आज नहीं तो कल सही की आशा के साथ पार्टी के वे नेता भी कमर कसने लगे हैं, जिनके इलाके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में रहते हुए जदयू के हवाले हो गए थे।

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन 2019 में समझौते के तहत 17 सीटों से उसे संतोष करना पड़ा था। अगला चुनाव 2024 में होगा। भाजपा का मानना है कि माहौल उसके अनुकूल है। बिहार में कोई बड़ा दल उसका साझीदार नहीं तो इसका लाभ उसे अधिकाधिक सीटों पर लड़ने के रूप में मिलेगा। छोटे साझीदारों की हिस्सेदारी कम होने से निष्कंटक राज और राजनीति के लिए गुंजाइश बढ़ेगी। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर भाजपा अब नए सिरे से महागठबंधन को घेरने का तानाबाना बुन रही है।

वर्चुअल बैठक में कौन-कौन जुड़ेंगे

भाजपा के प्रदेश पदा​धिकारी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, जिला पदा​धिकारी, जिला कार्यसमिति सदस्य, मंडल पदा​धिकारी, सातों मोर्चों के प्रदेश पदा​धिकारियों को पार्टी ने जुड़ने का निर्देश दिया है।