पटना

मधेपुरा: कोसी की आंखें हुई लाल, घरों में कैद हुए दर्जनों गांवों के लोग


मानसूनी बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी से जिले में कोशी समेत अन्य नदियों का बढ़ रहा जल स्तर, मूरौत डायवर्जन डूबा, नाव के सहारे चलते हैं राहगीर

आलमनगर (मधेपुरा)(आससे)। मानसून की भारी बारिश एवं नेपाल क्षेत्र में अधिक बारिश होने से छोड़े गए पानी से भरही डायवर्शन पर पानी आ जाने से मुरोत, छतोनावासा, भवानीपुर वासा सहित अन्य टोला का सड़क संपर्क भंग हो जाने से लोग जान जोखिम में डालकर इस पार होने को विवश है। इन कोसी पीड़ितों का स्थाई समस्या का समाधान के लिए सार्थक पहल किसी ने आज तक नहीं की इस वजह से  लोग  कोसी के दंश से प्रत्येक वर्ष त्राहिमाम कर रहे हैं

कोसी नदी का जलस्तर का बढ़ना जब शुरू होता है स्कूली बच्चों का पढ़ाई बाधित हो जाता है। कोसी के पानी में वृद्धि होने से बच्चों के समक्ष समस्या इस वर्ष भी उत्पन्न हो गई है हालांकि कोराना को लेकर जहां स्कूल बंद है, परंतु बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए शिक्षकों के पास इस बार भी छात्र  जान जोखिम में डालकर जाने को विवश है।

कोसी के जलस्तर में वृद्धि होने से भरही धार में बनाया गया डायवर्सन पर पानी आ जाने से आवागमन बाधित हो गई है। ज्ञात हो कि कुसहा त्रासदी वर्ष 2008 में भरही धार पर बने लोहे का पुल ध्वस्त हो गया था। जो आज तक नहीं बन पाया। पूल का निर्माण प्रारंभ तो हुई, मगर जल स्तर में वृद्धि होने के कारण काम को पुनः बंद कर दिया गया।

भरही धार के उस और बसे कटाव से विस्थापित परिवारों के लगभग 200 परिवार छतौना वासा एवं भवानीपुर वासा के लोग इस पार अपने आजीविका सहित अन्य सामानों के लिए जान जोखिम में डालकर होने को विवश हैं। कोसी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि होने से भरही धार पर स्थानीय लोगों के द्वारा आवागमन हेतु बनाए गए डायर्वसन पर पानी आ जाने से लोग जान जोखिम में डालकर आने-जाने को विवश हैं।