वाराणसी

महामनाका मूल्य मंत्र था देशवासियोंका समग्र विकास


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्रका सातवां स्थापना दिवस शुक्रवारको आनलाइन माध्यमसे मनाया गया। इस अवसरपर संस्थानके निदेशक प्रोफेसर बी.के. त्रिपाठी, निदेशक ने कहाकि यह संस्था राष्टï्रमें पहली संस्था है, जो उच्च शिक्षामें शिक्षक की गुणवत्ता, आचरण, व्यवहार एवं शिक्षाके क्षेत्रमें नवाचार तथा हमारे आने वाली पीढ़ीको राष्टï्रीय एवं अन्तरराष्टï्रीय स्तरपर नई दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने कहाकि महामना ने अपने जीवनका बहुमूल्य समय शिक्षाके लिए सपर्पित किया तथा उनका मूल मंत्र समग्र विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं देशका विकास करना था। राष्टï्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालयके वाइसचांसलर प्रोफेसर जेवीजी तिलकने कहाकि अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केन्द्र विश्वविद्यालय अनुदान आयोगकी महत्वपूर्ण संस्था है। यह संस्था शिक्षक शिक्षामें महत्वपूर्ण योगदान देनेके लिए भारत सरकार द्वारा महामना की तपो भूमि बी.एच.यू. में स्थापित की गयी है। अपने सम्बोधनमें प्रोफेसर वसुधा कामत सदस्य, राष्टï्रीय शिक्षा नीति प्रारूप निर्माण समितिके सदस्य प्रोफेसर वसुधा कामतने कहाकि अन्तर विश्वविद्यालयीय अध्यापक शिक्षा केन्द्र शिक्षक शिक्षाके क्षेत्रमें देशकी एक महत्वपूर्ण संस्था है। कार्यक्रम का शुभारम्भ डाक्टर हरेराम पाण्डेयने किया। संचालन डाक्टर अनुश्री त्रिपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन डाक्टर अनिल कुमार तिवारीने किया।