पटना

मोतिहारी: घोड़ी नहीं नाव पर चढ़कर आया दूल्हा, टापू बना दुल्हन का गांव


नाव पर आई बारात, उसी पर ही हुई दुल्‍हन की विदाई

मोतिहारी (आससे)। बिहार में बाढ़ के हालात बन चुके हैं। कई इलाकों में पानी भर चुका है। नेपाल के जल-ग्रहण क्षेत्र में हो रही तेज बारिश के कारण वहां से आने वाली नदियां अभी और तबाही लाएंगी। आफत भरे इस माहौल में भी लोग जीवन के सभी काम कर रहे हैं। ऐसे में भला शादी क्‍यों नहीं हो? बिहार के पूर्वी चंपारण में कहीं नाव पर दूल्‍हे राजा दिख रहे हैं तो कहीं बारात।

पूर्वी चंपारण के ही बाढ़ के पानी से घिरे ढ़ेकहां गांव के लोगों का हौसला देखिए कि वहां नाव पर बारात आई और टापू बने घर में विवाह के गीत गूंजते सुने गए। जिले के रक्‍सौल में भी शादी करने नाव पर जाते एक दूल्‍हे का वीडियो वायरल है। पूर्वी चंपारण के ढ़ेकहां वार्ड आठ के निवासी उज्जैन सहनी के घर उनकी पुत्री खुशबू कुमारी की बीती रात बारात आयी थी। गांव पूरी तरह से बाढ़ से घिरा है। इस कारण बारात के लिए नाव की व्यवस्था लड़की पक्ष ने कर रखा था।

बाढ़ के पानी के बीच उज्‍जैन सहनी के टापू बने घर पर शादी समारोह का आयोजन किया गया। बारात पूर्वी चंपारण के ही बंजरिया प्रखंड के झखिया गांव से आयी। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत ढ़ेकहां गांव, जहां चारों तरफ बाढ़ से घिरे एक घर में शादी की तैयारी की गई। यहां 20 जून को हुई शादी के लिए दूल्हे व बरातियों को दुल्‍हन के घर नाव से जाना पड़ा। उज्जैन सहनी ने बताया कि उन्‍होंने बेटी खुशबू की शादी महीनों पहले तय की थी, लेकिन ज्येष्ठ माह में ही बाढ़ कहर बरपा देगा, इसकी उम्‍मीद नहीं थी।

उन्‍होंने बताया कि बारातियों के लिए 18 हजार रुपये में तीन बड़े नाव भाड़ा पर लाए गए। बारात के आने-जाने में नाव का उपयोग किया गया। दूल्हा भी नाव पर ही आया। नाव पर ही दुल्‍हन भी विदा हुई। आपदा पर उत्साह भारी पड़ा। इसका वीडियो अब इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। इस पर लोग तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। लोग बाढ़ के बीच ऐसे आयोजन के लिए लोगों की हिम्‍मत की दाद दे रहे हैं।