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यूपी में मदरसों के सर्वे के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद, कहा- जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे


नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक अहम बैठक दिल्ली स्थित आइटीओ कार्यालय हुई। इसमें तय हुआ है कि वह इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार से बात करेंगे। इसके साथ मदरसों के सर्वे पर ऐतराज भी जताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगे।

बैठक में हुआ 12 सदस्यीय कमेटी के गठन का फैसला

जागरण संवाददाता के मुताबिक, मंगलवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की आइटीओ स्थित मुख्यालय में बैठक हुई,। इसमें 12 सदस्यीय कमेटी के गठन का फैसला हुआ है। जो उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे मामले को देखेगी।

मदरसों के सर्वे पर जमीयत को ऐतराज

इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मदरसों के संचालन से जुड़े संगठनों के तकरीबन 500 लोग शामिल हुए। दरअसल, उत्तर प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने मदरसों के सर्वे का आदेश दिया है। इस पर जमीयत को एतराज है।

मदरसों की बनाई जा रही गलत छवि

इस बैठक में जमीयत प्रमुख महमूद मदनी ने कहा कि उन्हें इस फैसले के तरीके पर एतराज है। इस तरह से प्रस्तुति दी जा रही है, जिसमें यह कहने का प्रयास हो रहा है। यह तस्वीर बनाई जा रही है, जैसे मदरसे दहशतगर्दी का अड्डा हो।

 जरूरी हुआ तो कोर्ट का रुख करेंगे

उन्होंने कहा कि मदरसों को लेकर ऐसी छवि गढ़ी जा रही है कि जैसे यहां पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। यह गलत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से बात करेंगे। जरूरी हुआ तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे।

वहीं, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने के यूपी सरकार के फैसले पर आपने देखा कि असम में क्या हुआ। अगर यह तरीका अपनाया जाता है तो यह अवैध है।