पटना

राजगीर: रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन


बढ़ते जलसंकट से बचाव के लिए यह प्रणाली साबित होगी मील का पत्थर: एसडीओ

राजगीर (नालंदा) (आससे)। रेन वाटर हार्वेंस्टिंग को लेकर राजगीर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन बुधवार को किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन एसडीओ संजय कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने रेन वाटर हार्वेंस्टिंग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। वाटर हार्वेंस्टिंग की बारिकियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बढ़ते जल संकट से बचाव के लिए यह प्रणाली मील का पत्थर साबित हो सकती है।

बीडीओ मिथिलेश बिहारी वर्मा ने कहा कि राजगीर प्रखण्ड में दिनों दिन जल स्तर गिरते जा रहा है। पिछले साल प्रखंड में गर्मी के दिनों में पेयजल संकट बढ़ गया था। शासन स्तर पर जल स्तर को बनाएं रखने के लिए जल जीवन हरियाली एवं अन्य योजनाओं को धरातल पर उतारे जा रहे हैं। इन उपायों में वाटर हार्वेंस्टिंग प्रमुख है। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संग्रह और संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग का विशेष महत्व है। इसके लिए शहर से गांव तक जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया।

उन्होंने कहा कि वाटर हार्वेंस्टिंग बहुत ही सरल निर्माण है। इसे अपना कर जल संकट से निजात पाया जा सकता है। वाटर हार्वेंस्टिंग दो तरीके से किया जा सकता है। एक सतह के उपर और दूसरा सतह के नीचे। सतह के उपर डैम, चेक डैम, तालाब, स्टॉप डैम, इसके अलावा बरसात के पानी को संचय कर उसे सुव्यवस्थित तरीके से भूमि के अंदर डाला जाता है।

ऐसा करने से भूगर्भीय जलस्तर हमेशा बना रहेगा। सरकारी संस्थानों, स्कूल-कॉलेज के अलावे घरों में मौजूद प्लाट में वाटर हार्वेंस्टिंग सिस्टम विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की तरह जल जीवन हरियाली योजना को लेकर भी बैरियर कैडर बननी चाहिए। बैरियर कैडर के रूप में काम करने से उल्लेखनीय सफलता की उम्मीद की जा सकती है।

इस अवसर पर अंडवस प्लस टू स्कूल की हेडमास्टर रेखा कुमारी ने कहा कि जल सबों के लिए जरूरी है। जल बिना जीवन मुश्किल है। जब से गांवों में कंक्रीट का जाल बिछने लगा है, तभी से जल संकट भी परवान चढ़ने लगा है। उन्होंने कहा कि वर्षा जल के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान की जरूरत है। उन्होंने वर्षा जल, पहाड़ और जंगल के जल को संरक्षित करने पर जोर दिया।

कार्यशाला के आयोजक कंचन सेवाश्रम के डायरेक्टर विजय कुमार ने जल संरक्षण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजगीर प्रखंड में मार्च तक आठ वाटर हार्वेंस्टिंग का लक्ष्य रखा गया था। उस लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल से जून तक 10 रेन वाटर हार्वेस्टर का लक्ष्य है, जिसमें आठ का निर्माण राजगीर प्रखंड में कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने में वाटर हार्वेंस्टिंग के कार्यों में संलग्न सभी लोग सक्रिय भूमिका निभाएंगे तो लक्ष्य शीघ्र हासिल हो सकता है।

इस अवसर पर बीईओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा, मुखिया मंजू देवी, सुप्रिया सिन्हा, अनीता देवी, सदया कुमारी सुधीर कुमार, मनीषा रानी, रेखा देवी, प्रोजेक्ट मैनेजर गौरव कुमार, परमानंद प्रभाकर उर्फ मुन्नु मास्टर, विनय रोशन, विकास कुमार एवं अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।