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लखनऊ-कानपुर का सफर अब होगा आसान, सवा घंटे नहीं; 40 मिनट में तय होगी दूरी


लखनऊ, । दिल्ली-हावड़ा सेक्शन के प्रस्तावित सेमी हाईस्पीड रेल नेटवर्क से लखनऊ भी अगले 10 महीने में जुड़ जाएगा। लखनऊ से कानपुर के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ेंगी। इसके लिए रेलवे ने पहले चरण में पटरियों को अपग्रेड करने का काम पूरा कर लिया है।

रेल पटरियां अपग्रेडः रेलवे ने 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति की क्षमता वाली पटरियों को पिछली पटरियों से अपग्रेड कर दिया है। हालांकि, अब दूसरे चरण का काम दीपावली के बाद शुरू होगा। इस चरण में तीन नए पुल, कर्व को हटाने, तीन स्टेशनों की यार्ड रिमाडलिंग और कैब में दिखने वाले आधुनिक सिगनल सिस्टम पर काम होगा। इसकी टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सितंबर 2023 से पहले लखनऊ कानपुर के बीच सुपरफास्ट ट्रेनें 40 मिनट में पहुंच सकेंगी।

तेजस की राह होगी आसान: तेजस एक्सप्रेस इस समय लखनऊ से कानपुर पहुंचने में 1.10 घंटे और शताब्दी एक्सप्रेस 1:13 घंटे का समय लेती है। लखनऊ से कानपुर के बीच रेल नेटवर्क की दूरी 72 किलोमीटर है। इन दोनों प्रीमियम ट्रेनों की औसत गति इस सेक्शन पर लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटा ही है। इसका एक बड़ा कारण लखनऊ से कानपुर के बीच 120 किलोमीटर प्रति घंटे की क्षमता वाली पटरियां, कई कर्व, आधुनिक सिगनल का न होना है। ऐसे में रेलवे ने मिशन रफ्तार के तहत पहले तो दिल्ली से हावड़ा के ए क्लास रूट को मिशन रफ्तार में शामिल किया था।

इस पूरे रूट की गति को 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने पर काम चल रहा है। हालांकि, बाद में कानपुर से लखनऊ को भ मिशन रफ्तार से जोड़ लिया गया। इस प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहले चरण में 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की क्षमता वाली पटरियों को पुरानी पटरियों से बदलने का काम किया गया है। अब दूसरे चरण के काम के लिए फर्मों का चयन किया जा रहा है।

मिशन रफ्तार के पहले चरण में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति की क्षमता वाली पटरियों को बदलने का काम पूरा हो गया है। अब इंजन के कैब में दिखने वाले सिगनल, कर्व, तीन पुलों और तीन स्टेशनों के यार्ड रिमाडलिंग का काम जल्द शुरू होगा। सितंबर 2023 तक इस सेक्शन पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेंगी।

-एसके सपरा, डीआरएम, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल