पटना

वैदिक बिहार के पुनर्जागरण का केन्द्र होगा इस्कॉन मंदिर


पटना (आससे)। इस्कॉन का नवनिर्मित श्री श्री राधा बांके बिहारीजी मंदिर वैदिक संस्कार केन्द्र आध्यात्मिक वैदिक बिहार के पुनर्जागरण का केन्द्र होगा। इसका असर गांव-गांव तक पहुंचेगा। यहां किसी प्रकारकी हिंसा नहीं थी, नशा और व्यभिचार भी नहीं था। मंदिर के लोकार्पण दिवस पर दिल्ली से पधारे वायस प्रेसीडेन्ट ब्रजेन्द्र नन्दन दास ने प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उद्गार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने यहां शराबबंदी कानून लागू की है, यह गौरवशाली बिहार की परंपरा के अनुकूल है। जो भी बिहार आयेगा, इस मंदिर में आकर स्वयंको धन्य महसूस करेगा। पूर्वोत्तर राज्य से आये इस्कॉन के वैबाव भक्त रामकृष्ण दास ने कहा-पटना का यह मंदिर भक्त श्रद्धालुओं के लिए भगवान के दर्शन का विशेष केन्द्र होगा। मैं मंदिर निर्माण में सहयोग देने वाले यहां के दान दाताओं के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। बिहार का यह सबसे अधिक सुविधा सम्पन्न मंदिर प्रांगण के रूप में तैयार किया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षणका केन्द्र होगा।

इस्कॉन के स्थानीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी नन्द गोपाल दास ने बताया कि यहां के ऑडिटोरियम में एक हजार लोग एक साथ बैठकर आयोजन का आनन्द ले सकते हैं। यहां के कैफेटेरिया में २०० लोग एक साथ बैठकर अपने मनपसंद शुद्ध शाकाहारी व्यंजन का आनंद उठा सकते हैं। सत्तर शय्या वाले अतिथि गृह का भी निर्माण कराया गया है।

मंदिर में वैदिक बिहार की झांकी का दिव्य दर्शन होगा। इसमें कैमूर की पहाड़ी पर स्थित गुप्ताधाम, बोधगया, हरिहर क्षेत्र, राजगीर, पटनदेवी, अहिल्या स्थान, सीताका प्रादुर्भाव, विश्वामित्र का गुरूकुल और महर्षि बाल्मीकि का आश्रम मंदिर के दीवार पर भव्य कलाकृतियों में उकेरी गयी है। इस्कॉन मंदिर में देश विदेश से पधारे वैष्णव भक्तों सहित स्थानीय भक्त श्रद्धालुओं का मेला लगा हुआ है।