पटना

शराबबंदी नहीं होगा खत्म: नीतीश


सात घंटे तक चली शराबबंदी की समीक्षा, शराब रिकवरी हुई तो थानेदार होंगे सस्पेंड, बार्डर इलाके शराब बरामद होने पर होगा बोर्डर सील, इटेलिजेंस मशीनरी को किया जायेगा दुरूस्त, पुलिस मुख्यालय में हर दूसरे दिन समीक्षा, प्रावधान होगा सख्ती से लागू, चौकीदार सूचना नहीं देते हैं तो होगी कार्रवाई

(आज समाचार सेवा)

पटना। शराबबंदी  को सख्ती से लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में लगभग तक चली मैराथन बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये हैं। हाल की घटनाओं पर चिंतित मुख्यमंत्री ने जिम्मेवार अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब के कारोबार और कारोबारियों को बरदास्त नहीं करेंगे। जब तक हम जिंदा हैं तब तक शराबबंदी खत्म होने का सवाल हीं नहीं है।

बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद एवं पुलिस महानिदेशक ने बताया कि अब सरकार ने शराबबंदी के प्रावधानों को पूर्ण सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। खासकर पटना पर पुलिस को विशेष नजर रखने को कहा गया है। अगर कहीं शराब मिलती है तो थानेदार जिम्मेवार होंगे और उन्हें निलंबित किया जायेगा। इतना ही नहीं अगर उनके खिलाफ कहीं से भी शिकायत मिलती है तो उन्हें १० वर्ष तक थानेदारी से बंचित किया जायेगा जायेगा। अवैध शराब की बरामदगी के लिए केंद्रीय टीम छाापामारी की जायेगी। चौकीदार और दफादार अगर शराब बेचे जाने की सूचना वरीय पदाधिकारियों को नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। होम डिलेवरी पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। इसके लिए इंटेलिजेंस मशीनरी को दुरूस्त किया जायेगा। इसके अलावा जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव तय एजेंडा के अतिरिक्त शराबबंदी की समीक्षा करेंगे।

अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद ने बताया  कि यूपी, झारखंड और नेपाल से शराब का कारोबार होता है। अगर बोर्डर इलाके से शराब की बरामदगी हुई तो सरकार बोर्डर को सील कर देगा। पुलिस घर-घर घुस कर शराब की बरामदगी के लिए छापेमारी करेगी। छापामारी के लिए अलग से केंद्रीय टीम गठित है, वह राज्य के किसी भी इलाके में शराब होने की सूचना मिलने पर छापामारी करेगी।

उन्होंने बताया कि शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। कई माफियाओं की संपत्ति भी जब्त की गयी है। अभी कुछ और माफिया रडार पर हैं उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जायेगी। शराब तस्करों को संरक्षण देने के आरोप में बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गयी है। लगभग ३६७ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है तथा २३८ पुलिस कर्मी सेवा से बरखास्त किये गये हैं। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की जा रही है। बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों से शराबबंदी को सख्ती से लागू करने को लेकर सुझाव मांगे गये।