खेल

शाट खेलनेसे डरे हुए थे पुजारा-बार्डर


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सिडनी (एजेन्सियां)। पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान एलेन बार्डर ने शनिवार को तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय बल्लेबाजी रणनीति की आलोचना की और कहा कि चेतेश्वर पुजारा शाट खेलने में डरे हुए थे और ऐसा लग रहा था कि वह रन बनाने के बजाय क्रीज पर टिके रहने के लिये खेल रहे थे। बार्डर ने ‘फाक्सस्पोट्र्स डाट काम डाट एयूÓ से कहा वह (पुजारा) शाट खेलने के लिये बिलकुल डरा हुआ लग रहा है, क्या ऐसा नहीं है? वह रन जुटाने के बजाय अपना विकेट बचाये रखने के लिये खेल रहा है। उन्होंने कहा कि इस शृंखला में उसका ज्यादा प्रभाव नहीं रहा है, उसने अपने रन जुटाने में इतना लंबा समय लिया, ऐसा लग रहा है कि वह क्रीज पर स्थिर हो गया है और इसका भारतीय बल्लेबाजी पर असर पड़ा। वे आस्ट्रेलियाई गेंदबाजी पर हावी होते नहीं दिखे। बार्डर ने कहा किश्रेय गेंदबाजी को दिया जाना चाहिए जो काफी अच्छी रही और आस्ट्रेलिया ने उन्हें कभी भी दबाव से बाहर नहीं निकलने दिया। आधी जंग तो यही है, गेंदबाजों को विकेट लेने में काफी मुश्किल हो रही थी लेकिन अगर स्कोरबोर्ड ही नहीं बढ़ रहा तो अंत में यह आपका इनाम ही है। पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी पुजारा की बल्लेबाजीकी आलोचना की और कहा कि ‘उन्हें अपनी स्कोरिंग गतिमें थोड़ा तेज होना चाहिए था क्योंकि मुझे लगता है कि इससे उनके बल्लेबाजी जोड़ीदारोंपर ज्यादा ही दबाव पड़ रहा था। पूर्व आस्ट्रेलियाई आल राउंडर टाम मूडीका हालांकि मानना है कि पुजारा अपना नैसर्गिक खेल खेल रहे थे और स्कोरबोर्डको चलायमान रखनेकी जिम्मेदारी कप्तान अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारीकी थी। मूडीने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसमें पुजाराकी कोई गलती है, अपने करियरमें उसने आमतौरपर इसी तरहका क्रिकेट खेला है और टीमका उनसे अपनी नैसर्गिक शैलीके उलट खेलकी मांग करना अनुचित होगा। उन्होंने कहा कि मैं इसे रहाणे और विहारीपर डालूंगा। विहारी आये और ३८ गेंदोंमें चार रन बनाये। मेरे हिसाब से इन दोनों खिलाडिय़ोंको स्कोरको बढ़ाते रहनेकी जरूरत थी, उन्हें पुजाराकी इस शृंखला में ही नहीं बल्कि अन्य शृंखलाओंमें भी भूमिकाको समझना चाहिए कि उन्होंने भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेला है।