पटना

समस्तीपुर: कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु, डीएम ने की बैठक


समस्तीपुर (आससे)। शनिवार को जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 और एईएस/जेई की रोकथाम हेतु समीक्षात्मक बैठक की गई। वीसी कक्ष में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य प्रबंधक/जिला कार्यक्रम प्रबंधक जीविका एवं अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे। वीसी के माध्यम से सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने भाग लिया।

बैठक में विमर्श के मुख्य बिंदु रहे एईएस/जेई की रोकथाम एवं मास्क वितरण। प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एक्टिव केस, पॉजिटिविटी दर, मास्क वितरण प्रतिशत, कोविड -19 जांच, टीकाकरण आदि की प्रखंड वार तुलना की समीक्षा की गई। उक्त विषयों में खराब प्रदर्शन करने वाले प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रभारी पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आवश्यक निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि एईएस के मरीज को आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु हर पंचायत को एंबुलेंस अथवा निजी वाहन या मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत चल रहे वाहन से टैग किया जाए। जिसके ड्राइवर का नंबर उस क्षेत्र की आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सदस्य, एवं जनप्रतिनिधियों के पास उपलब्ध हो। आवश्यकता पड़ने पर 15 मिनट के अंदर वाहन उपलब्ध हो जाए एवं एईएस के मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान पर जल्द से जल्द (गोल्डन आवर) के अंदर ले जाए जहां उसका इलाज हो सके।

निजी एंबुलेंस या वाहन का प्रयोग होने पर निर्धारित दूरी के अनुसार निर्धारित दर पर भुगतान करना सुनिश्चित किया जाएगा। निजी वाहन का प्रयोग होने पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति निर्धारित दर पर दूरी के अनुसार भुगतान करने संबंधी दर तालिका को दीवार लेखन अथवा फ्लेक्स द्वारा प्रदर्शित किया जाए।

अगर पंचायत बड़ा है तो एक से अधिक वाहन की टैगिंग की जा सकती है, टैगिंग किए गए पंचायत एवं वाहन के ड्राइवर का नाम, मोबाइल नंबर की सूची अधोहस्ताक्षरी को अति शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। एईएस मरीज को एसओपी 2021 के अनुसार इलाज करते हुए स्टेबलाइज किया जाए। आवश्यकता पड़ने पर ही रेफर किया जाए। रेफर किए गए मरीज को इलाज संबंधी विवरण तथा रेफर की सूचना व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला जाए। सभी अस्पतालों में एईस मरीज हेतु दो बेड सुरक्षित रखा जाए एवं आवश्यक दवाओं तथा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए। सभी संस्थानों के कंट्रोल रूम 24×7 कार्यरत रखा जाए एवं व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला जाए।

रोस्टर ड्यूटी के अनुसार रात्री पाली में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। चिकित्सकों की उपस्थिति का अनुश्रवण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा स्वयं किया जाएगा। जिला स्तर के चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति का अनुसरण किया जाएगा एवं अनुपस्थित रहने पर  सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी परिस्थिति में रात्रि पाली में चिकित्सक अनुपस्थित नहीं रहेंगे। आईईसी मटेरियल, हैंड बिल का वितरण एवं उपयोग सुनिश्चित किया जाए। आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा क्षेत्र में प्रचारित किया जाए कि अभिभावक अपने बच्चों को रात्री में भरपेट भोजन अवश्य कराएं।