वाराणसी

सुरोंसे सुंगधित हुई राष्ट्ररत्नकी बगिया


काशी विद्यापीठ शताब्दी वर्ष समारोह

शताब्दी वर्ष समारोह के चौथे दिन शनिवार को सुरों से राष्ट्ररत्न श्री शिवप्रसाद गुप्त की बगिया सुंगधित हो उठी। सुबह जहां छात्रों ने एक से बढ़कर प्रस्तुति दी। वही सायं कबीर की वाणी की गूंज ने पूरे वातावरण मेंनयी ऊर्जा भर दी। गांधी अध्ययनपीठ सभागार में आयोजित संगीत की तीनों विधाओं में सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र- छात्राओं ने अपनी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से खचाखच भरे सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों श्रोताओं को आनन्दित एवं तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्विद्यालय के छात्र सनी मिश्रा के गणेश वंदना जय गणपति वंदन गणनायक और मोरी छोड़ो डगरिया श्याम से हुई। ततपश्चात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के छात्राओं का समूह नृत्य। इसके बाद योगेश मिश्रा के द्वारा गज़़ल उनसे नैन मिलाकर एवं दादरा बरसन लागे सावन बुंदिया राजा तोरे बिन लागे न मोरा जिया की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम के मध्य में छात्रों के स्वरात्मा समूह द्वारा ओ पालन हारे की प्रस्तुति हुई। ततपश्चात समाज कार्य संकाय के विद्यार्थियों द्वारा नशा मुक्ति अभियान पर नाट्य की प्रस्तुति की गई। इसके पश्चात विश्विद्यालय की छात्रा पूजा राय ने ठुमरी का करू सजनी आए ना बालम और  होरी रंग डारूँगी नन्द के लालन पे गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। वाणिज्य संकाय से शाहनवाज ने देशभक्ति गीतों से युवाओं में जोश भर दिया। ततपश्चात समाज कार्य संकाय की छात्राओं ने गंगा अवतरण पर नृत्य की मनोरम प्रस्तुति से सभी को भाव विभोर कर दिया। इसी क्रम में कला मेला के सांध्यकालीन कार्यक्रम का आयोजन संस्कार भारती एवं ललित कला विभाग के तत्वावधान में आयोजित हुआ। तीसरी संध्या पर सांध्य कालीन  सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन आचार्य महंत विवेक दास ने दीप प्रज्वलन कर किया। कबीर मठ कबीर चौरा से ताना-बाना ग्रुप की ओर से कबीर के दोहा पर आधारित एक निर्गुण गायन का प्रदर्शन हुआ ।  राजस्थानी लोक कला पर आधारित समूह नृत्य देखकर लोगों ने झूमते हुए तालियों की वर्षा कर कलाकारों को प्रोत्साहित किया। लोक कला पर आधारित नृत्य में अंकिता, निष्ठा और प्रतिक्षा ने भागीदारी की। पंजाबी डांस के माध्यम से मयंक, सोनाली, तुषार, काजल, अंशिका और चिराग ने अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन कर खूब तालियां बटोरी। ठुमरी गायन के माध्यम से विदुषी सुचित्रा गुप्ता ने लोगों को भावविभोर कर दिया। ललित कला विभाग द्वारा संचालित पीजी डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग अनुभाग की ओर से अपने हाथों द्वारा बनाए गए कपड़ों के डिजाइन फैशन शो प्रस्तुत किया गया। अगले कार्यक्रम में कुमार सारंग ने संतूर वादन के माध्यम से ताल और लय के समावेश से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। तबला वादन में पंडित ललित कुमार ने अपने तबला वादन से तबले की ताल पर थिरकने को मजबूर किया।