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हाउसिंग प्रोजेक्ट निर्माण से जुड़ी फाइल गुम, नवजोत सिंह सिद्धू लुधियाना कोर्ट में तलब


 लुधियाना। चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ चल रहे केस की सुनवाई के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू को तलब किया है। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने आने से मना कर दिया है। इसके लिए सिद्धू की तरफ से अदालत में अर्जी लगाकर गवाह के तौर पर उन्हें न शामिल करने का आवेदन किया गया है।

यह मामला सीएलयू गबन मामले के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा डीएसपी को धमकाने का है। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया है। उनकी तरफ से तीसरी बार अदालत में अर्जी देकर कहा गया है कि इस केस में उन्हें गवाह के तौर पर नहीं बुलाया जा सकता है।

नवजोत सिंह सिद्धू के वकील की तरफ से इसके खिलाफ अदालत में अर्जी लगाई गई थी। बर्खास्त डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों ने ग्रैंड मैनर होम्स सीएलयू मामले की जांच से संबंधित उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए जनवरी 2020 में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

उन्होंने अदालत से अपील की थी कि पुलिस को सरकारी कर्मचारी को काम के दौरान धमकाने, बाधा डालने और जान से मारने की धमकियां देने का केस दायर किया था। इसकी सुनवाई चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सुमित मक्कड़ की अदालत में चल रही है।

बता दें, चार साल पहले आरटीआइ एक्टिविस्ट कुलदीप खैरा की ओर से गिल रोड के एक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के निर्माण पर सवाल खडे़ करते हुए शिकायत कर दी गई थी। शिकायत के बाद मामला गरमाता देख तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मामले की जांच डीएसपी बलविंदर सेखों को दी थी।

सेखों की ओर से इस पर रिपोर्ट तैयार की गई थी। इसे कैबिनेट मंत्री के पास सबमिट कर दिया गया था। इस दौरान ही आशु व डीएसपी के बीच फोन पर बहस हुई थी और सेखों को नगर निगम के पद से हटाकर कमांडो में तैनात कर दिया गया था।

गुम हो चुकी है फाइल उसकी गवाही में बुलाया

कोर्ट की सुनवाई के दौरान बताया गया है कि सेखों की तरफ से सबमिट की गई फाइल गुम हो चुकी है। इसी को लेकर उसे धमकाया गया था। उसने इसकी एक कापी भी अदालत में पेश कर दी थी। इसे प्रमाणित करने के लिए ही उस समय कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया था, ताकि इसे प्रमाणित किया जा सके।

वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा लगाई गई अर्जी में यह कहा गया है कि उन्हें नहीं पता है कि कोई फाइल थी और वह गुम हो गई है। पहले इसकी एफआइआर दर्ज होनी चाहिए थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने इसे लेकर सुरक्षा का भी हवाला दिया है।

पटियाला जेल में बंद हैं नवजोत सिंह सिद्धू

बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के एक रोडरेज केस मामले में सजा काट रहे हैं। अदालत ने उन्हें मामले में एक वर्ष की सजा सुनाई थी। वह पटियाला की केंद्रीय जेल में बंद हैं। वहां से उन्हें लुधियाना अदालत में बुलाया गया था।