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हिंदी दिवस 2022: महान हस्तियों ने राजभाषा की तारीफों के बांधे पुल, जानकर होगा हिंदी भाषी होने का गर्व


नई दिल्‍ली, । आज देश में हिंदी दिवस (Hindi Divas) मनाई जा रही है। इसे 14 सितंबर के दिन मनाया जाता है। भारत में वैसे तो कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन यहां हिंदी का एक अहम स्‍थान है। भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है।

जमाना आज वैश्‍वीकरण का है ऐसे में अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी है। लेकिन हमारे देश में अंग्रेजी को एक स्‍टेटस सिंबल के रूप में देखा जाता है। अंग्रेजी बोलने वालों को अधिकतर हिंदी बोलने वालों के मुकाबले अधिक तवज्‍जो दी जाती है।

आज हिंदी दिवस के अवसर पर हम हिंदी पर कुछ महानुभावों के विचार आपके साथ साझा करने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपको हिंदी भाषी होने का गर्व महसूस होगा।

महात्‍मा गांधी- हृदय की कोई भाषा नहीं है। हृदय-हृदय से बातचीत करता है। और हिंदी हृदय की भाषा है।

माखनलाल चतुर्वेदी- हिंदी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है।

भारतेंदु हरीशचंद्र- निज भाषा उन्‍नति अहै, सब उन्‍नति को मूल।

बालकृष्‍ण शर्मा नवीन- राष्‍ट्रीय एकता की कड़ी हिंदी ही जोड़ सकती है।

जार्ज ग्रियर्सन- हिंदी बोलचाल की महान भाषा है।

आचार्य विनोबा भावे- मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्‍जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्‍जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता।

मैथिलीशरण गुप्‍त- हिंदी उन सभी गुणों से अंलकृत है, जिनके बल पर वह विश्‍व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है।

सुभाष चंद्र बोस- देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जाने वाली हिंदी राष्‍ट्रभाषा-पद की अधिकारिणी है।

डा राजेंद्र प्रसाद- जिस देश को अपनी भाषा और साहित्‍य के गर्व का अनुभव नहीं है, वह उन्‍नत नहीं हो सकता।

लाल बहादुर शास्‍त्री- हिंदी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्‍य है। उसे हम सबको अपनाना है।

स्‍वामी दयानंद सरस्‍वती- हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।डा फादर कामिल बुल्‍के- संस्‍कृत मां, हिंदी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है।