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१० से खुल रहे स्कूल,अटेंडेंस को लेकर लागू होंगे नये नियम


लखनऊ (आससे.)। उत्तर प्रदेश में नौवीं से 12 वीं तक के स्कूल खोलने के बाद 10 फरवरी से छोटे बच्चों के लिए स्कूल खोलने की पूरी तैयारी है. कोरोना महामारी के कारण बंद हुए इन स्कूलों को लगभग 11 महीने बाद खोला जाएगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही स्कूल खोले जाएं.       कोरोना के चलते स्कूलों के बंद होने से बच्चों की शिक्षा का काफी नुकसान हुआ है. राज्य के सरकारी प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों में पढऩे वाले जिन छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच नहीं है. सरकार ने स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में निर्देश जारी कर दिए हैं. सहमति फॉर्म का प्रारूप भी जारी कर दिया गया है. इसके प्रारूप में स्पष्ट किया गया है कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए स्कूल हरसंभव प्रयास करेगा, लेकिन यह गारंटी नहीं देता है कि कोरोना नहीं फैलेगा. ऐसी स्थिति में, छात्र को स्कूल भेजना पूरी तरह से अभिभावक के विवेक पर है. संक्रमण फैलने पर स्कूल प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा. बेसिक शिक्षा निदेशालय ने कक्षा एक से कक्षा आठ तक की समय सारणी भी जारी कर दी है. कोविड-19 से बचाव के उपायों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. परिषदीय स्कूलों में मध्याह्न भोजन भी पूरी सतर्कता के साथ दिया जाएगा. सभी सरकारी और निजी स्कूलों को अभिभावकों से लिखित सहमति पत्र लेना अनिवार्य होगा. माता-पिता छात्रों के हेल्थ स्टेटस और उनकी नेशनल व इंटरनेशनल ट्रैवल के बारे में भी पूरी जानकारी देंगे. अगर छात्र घर से पढ़ाई करना चाहता है, तो उसे वो विकल्प देना होगा. ऐसे छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करने का विकल्प देना होगा और यह शिक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वे पढ़ाई पूरी करें. साथ ही, स्कूलों को नियमित रूप से सैनिटाइज करना होगा. आम तौर पर छुई जाने वाली सतहों जैसे कि दरवाजे की कुंडी, डैशबोर्ड, डस्टर, बेंच और डेस्क आदि को सैनिटाइज किया जाएगा. स्वच्छ शौचालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करनी होगी. छात्रों को विभिन्न गेटों से प्रवेश दिया जाएगा और स्कूल खत्म होने के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर किया जाएगा. प्रत्येक छात्र, शिक्षक और कर्मचारी अनिवार्य रूप से मास्क पहनकर स्कूल आएंगे. थर्मल स्क्रीनिंग करनी होगी और सैनिटाइजर की भी व्यवस्था करनी होगी. वर्तमान में, कोरोना महामारी को देखते हुए, छात्रों की अटेंडेंस को लेकर कोई कठोर नियम या सख्ती नहीं की जाएगी. अधिकतम अटेंडेंस के लिए पुरस्कार या मानदेय को भी हतोत्साहित किया जाएगा. सभी कक्षाओं से संबंधित परीक्षा के लिए शैक्षणिक कैलेंडर की योजना बनाई जाएगी. साथ ही, स्कूलों को ऐसी किसी भी घटना से बचने की सलाह दी गई है जहां सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करना मुश्किल हो. इसलिए, स्कूलों में समारोह, उत्सव, खेल प्रतियोगिताओं और अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं किया जाएगा. विधानसभा स्वयं शिक्षक की देखरेख में होगी. स्टडी हॉल स्कूल की प्रिंसिपल मीनाक्षी बहादुर ने कहा कि विभाग द्वारा दिए गए कक्षाओं को रोटेशन में आयोजित किया जाएगा और एसओपी के अनुसार कक्षा अनुसूची निर्धारित की गई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनौती यह होगी कि छोटे बच्चे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें. साथ ही, नियमित ऑनलाइन शिक्षण के अलावा, लेखन क्षमता पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि छात्र कक्षा में एक-दूसरे से कोई सामान नहीं लेंगे. छात्र पुस्तक, पेन, पेंसिल, नोटबुक और भोजन आदि भी शेयर नहीं करेंगे. बाहर के विक्रेताओं को स्कूल के अंदर भोजन बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. स्कूल बसों और वैन की प्रतिदिन दो बार सफाई की जाएगी. उसी समय, पुस्तकालय और प्रयोगशाला में भी भौतिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा और मास्क का पालन जरूरी होगा. स्कूल परिसर में थूकना निषिद्ध होगा. इसके अलावा, सरकारी स्कूल प्राथमिक छात्रों के लिए तैयारी कर रहे हैं. शासकीय प्राथमिक विद्यालय जियामऊ की प्रमुख पूनम त्रिपाठी ने कहा कि वे 10 फरवरी से कक्षाएं शुरू करने की योजना बना रही हैं. जानकारी को माता-पिता के साथ साझा किया गया है और शिक्षक तदनुसार पाठ्यक्रम की योजना बना रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर नगर निगम द्वारा सफाईकरण किया जाता है तो यह अधिक प्रभावी होगा,

कक्षा के हिसाब से आयेंगे विद्यार्थी

प्राइमरी : कक्षा एक व पांच : सोमवार व बृहस्पतिवार, कक्षा दो व चार : मंगलवार व शुक्रवार

कक्षा तीन : बुधवार व शनिवार

उच्च प्राथमिक : कक्षा छह : सोमवार-बृहस्पतिवार, कक्षा सात : मंगलवार-शुक्रवार

कक्षा आठ : बुधवार-शनिवार

विद्यार्थी अधिक तो दो पालियों में चलेंगी कक्षाएं