चंदौली

१५२३ स्थानों पर दहन की गयी होलिका


चंदौली। होली को लेकर जनपद के विभिन्न बाजारों में सामानों की जमकर खरीददारी हुई। जिसके कारण बाजारों मं जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी। लोगों ने सुबह से ही अपने घरों की साफ-सफाई शुरु कर दी। लोग होली पर्व की खरीददारी करने के लिए बाजारों में निकले तो पूरा रोड़ भीड़ से पट गया। जिससे लोगों का राह चलन दुश्वार हो गया। लोगो ने कपड़ों, राशन की दुकानों, खोवा, पनीर, पटाखों की दुकानों पर जमकर भीड़ रही। पुरुषों के अलावा महिलाएं व बच्चे भी बाजारों में खरीददारी करते देखे गये। नगर में ओवरब्रिज से लेकर सुभाष पार्क तक भीड़ देखी गयी। नगर में इतनी भीड़ रही कि लोगों का पैदल चलना दुश्वार हो गया था। मेन रोड तो दूसर गली गुच्चा भी भीड़ के कारण तंग नजर आये। शाम को माताएं अपने बच्चों को उपटन से मिशा और उसे एकत्रित करके क्षेत्र में लगे होलिका में उपला सहित डाल दिया। रात्रि ७ बजे के बाद होलिका स्थल पर जुटे लोगों ने होलिका में आग लगाया। जहां लगे डीजे आदि पर युवा खूब थिरके। जनपद में १५२३ स्थानों पर होलिका दहन किया गया। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार पूर्णिमा तिथि 28 मार्च रविवार की रात में होलिका दहन किया गया। भद्रा दिन में 1 बजकर 33 बजे समाप्त हो जाएगी। साथ ही पूर्णिमा तिथि रात में 12.40 तक ही व्याप्त रहेगी। शास्त्रानुसार भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन किया जाता है इस कारण रात में 12.30 बजे से पूर्व होलिका दहन हो जाना चाहिए। क्योंकि रात में 12.30 बजे के बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।पंचांग के अनुसार होलिका दहन का मुहूर्त 28 मार्च को शाम 18 बजकर 37 मिनट से रात्रि 20 बजकर 56 मिनट तक रहेगा यानि 02 घंटे 20 मिनट तब होलिका दहन का मुहूर्त बना हुआ है। इसी मुहूर्त में होलिका दहन करना अत्यंत शुभ है। इस वर्ष होलिका दहन के समय भद्रा नहीं रहेगी। होली का त्योहार आपसी सौहार्द, प्रेम का है। परन्तु समाज में बढ़ी नशे की आदत अक्सर ही उत्सव उमंग व भाई चारे प्रेम सौहार्द का संदेश देने वाली होली का माहौल बिगड़ जाता है। लोगों का कहना है कि जहां हम एक दिन पूर्व होलिका दहन कर यह याद करते हैं कि बुराईयों पर अच्छाई का संदेश है। जिसे हजारों वर्ष से भारत वर्ष में मनाया जा रहा है। परन्तु दूसरे ही दिन होली के दिन कुछ असमाजिक तत्व सभ्यताओं को ताक पर रखने का कार्य करते है। जिससे भाई चारे का पर्व कड़वाहट में बदल जाता है।