पटना

महालेखाकार बिहार की 2018-19 की ऑडिट रिपोर्ट जारी, विपक्ष ने सरकार पर ‘मार्च लूट’ कराने का लगाया आरोप


पटना। महालेखाकार बिहार की रिपोर्ट ने एकबार फिर विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का मौका दे दिया है। एजी ने साल 2018-19 का ऑडिट रिपोर्ट जारी किया है। जिसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। खत्म हुए वित्तीय वर्ष साल 2019 में सिर्फ मार्च महीने में 14 विभागों ने 12 हजार करोड रुपए व्यय किए। एक महीने में इतने बडे़ पैमाने पर हुए खर्च को लेकर एजी ने सरकार से सवाल पूछ डाले हैं।


जिन विभागों पर साल के अंतिम महीने में सघन राशि व्यय करने को लेकर AG ने सवाल खड़े किए उनमें-

      • कृषि विभाग ने मार्च महीने में 869 करोड 84 लाख रुपए व्यय किए।
      • भवन निर्माण विभाग ने मार्च महीने में 1425 करोड रुपए व्यय किए।
      • उर्जा विभाग ने मार्च महीन में 3976 करोड 99 लाख रुपए व्यय किए।
      • पथ निर्माण विभाग ने मार्च महीने में 2028 करोड रुपए व्यय किए।
      • परिवहन विभाग ने मार्च महीने में 1063 करोड रुपए व्यय किए।
      • नगर विकास आवास विभाग ने आखिरी महीने में 1031 करोड रुपए व्यय किए।
      • सहकारिता विभाग ने आखिरी महीने में 815 करोड रुपए व्यय किए।

बता दें कि महालेखाकार बिहार की रिपोर्ट एकबार फिर सियासी सुर्खियों में है। साल 2019 में खत्म हुए वित्तीय वर्ष का ऑडिट रिपोर्ट जारी करते हुए एजी मार्च लूट की ओर सरकार का ध्यान खींचा है। अपनी रिपोर्ट में एजी ने बताया है कि किसी तरह से केवल मार्च महीने में 14 विभागों ने साढ़े 12 हजार 151 करोड़ रुपए व्यय कर दिए। एक महीने में आखिर इतनी बड़ी राशि कैसे व्यय की गई। साथ ही साल के आखिरी तीन महीनों में इन्ही 14 विभागों ने साढे 17 हजार 951 करोड़ रुपए व्यय किए।

महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट ने विपक्ष को सरकार पर एकबार फिर हमला बोलने का मौका दे दिया है। कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा कहते हैं कि, ‘सरकार तो मार्च लूट का दावा पुरानी सरकार पर थोपा करती थी। लेकिन आज जिस लूट की चर्चा खुद महालेखाकार की रिपोर्ट कर रही उसे क्या कहेंगे।