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- बंधुआ मजदूरी करानेवालों के खिलाफ हो काररवाई : मोदी
- मामले की हो समुचित जांच : जीवेश
- पंजाब के मुख्य सचिव व डीजीपी को काररवाई के लिए लिखा पत्र
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(आज समाचार सेवा)
पटना। पंजाब में बिहारी मजदूरों को नशीला पदार्थ खिला कर बंधुआ मजदूरी व अधिक घंटों तक काम कराये जाने की जांच हो एवं समुचित काररवाई हो। यह मांग शनिवार को पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी, श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार और सचिव मिहिर कुमार सिंह ने की है।
उन्होंने कहा कि बॉर्डर सेक्युरिटी फोर्स ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों यथा गुरुदासपुर, अमृतसर, फिरोजपुर और अबोहर में पूछताछ के दौरान बिहार व यूपी के ऐसे ५८ मजदूरों को मुक्त कराया गया, जिन्हें किसानों द्वारा नशा देकर बंधुआ मजदूर बनाकर अधिक घंटे काम कराये जाते थे।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ द्वारा इस मामले को सामने लाने के बाद पिछले १७ मार्च को गृह मंत्रालय के उपसचिव अरुण सोबति ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक गोपनीय पत्र इस मामले की समुचित जांच व काररवाई के लिए लिखा है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि बीएसएफ ने २०१९ और २०२० के दौरान जब इन मजदूरों से पूछताछ की, तो वे नशीले पदार्थ के सेवन से मानसिक रूप से काफी विक्षिप्त थे और किसानों के यहां बंधुआ मजदूरी करने को विवश थे। पत्र में उन्होंने कहा है कि सभी मजदूर बिहार-यूपी के गरीब परिवार के थे।
मानव तस्कर गिरोहों द्वारा इन मजदूरों को अच्छे वेतन का प्रलोभन देकर पंजाब लाया गया था, जहां उन्हें काफी कम पैसा देकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था। खेतों में अधिक घंटे तक काम कराने के लिए उन्हें ड्रग्स दिये जाते थे, जिसका उनके शारीरिक व मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव देखा गया।
इधर, गृह मंत्रालय ने जहां पंजाब सरकार के अधिकारियों को इस गंभीर समस्या पर आवश्यक काररवाई का निर्देश दिया है। वहीं केन्द्रीय श्रम व रोजगार सचिव से भी बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडि़सा में विभिन्न स्तरों पर जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया है।